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सोनभद्र

दुष्कर्म के दोषी भोला खरवार को 20 वर्ष का कठोर कारावास

* एक लाख एक हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
* चार्जशीट दाखिल करने के 67 दिन और आरोप तय होने के 54 दिन में हुआ निर्णय
* अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रूपये पीड़िता को मिलेगी
* चार माह पूर्व 7 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म का मामला

सोनभद्र। चार माह पूर्व 7 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी भोला खरवार को 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रूपये पीड़िता को मिलेगी। यह निर्णय चार्जशीट दाखिल होने के 67 दिन और आरोप तय होने के 54 दिन में हुआ।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने चोपन थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 20 दिसंबर 2023 को रात 9 बजे जब वह घर पर नहीं थी तभी 7 वर्षीय नाबालिग बेटी को अकेला पाकर भोला खरवार पुत्र बाबूलाल उर्फ लाल दुपट्टा खरवार निवासी कोटा, थाना चोपन, जिला सोनभद्र जबरजस्ती जंगल में ले गया और उसके साथ जबरन बलात्कार किया और मारा पीटा। जिससे उसके प्राइवेट पार्ट पर चोटें भी आई थी। पीड़िता बेटी ने रोते हुए घर आकर उसे सारी घटना बताई। तब दूसरे दिन 21 दिसंबर 2023 को तहरीर देकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की गई थी। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचना के दौरान मेडिकल रिपोर्ट मे भी पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर चोटें आई रेडनेस और रक्त आया था। मेडिकल रिपोर्ट ने भी बलात्कार का सपोर्ट किया है। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक रहे तत्कालीन थानाध्यक्ष चोपन सतेंद्र कुमार राय जो वर्तमान में राबर्ट्सगंज कोतवाल हैं ने तीव्र गति से विवेचना कर कोर्ट में दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट में 67 दिन में चार्जशीट दाखिल किया था। जबकि आरोप तय होने के 54 दिन में निर्णय हुआ। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी भोला खरवार को 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख एक हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से एक लाख रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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