बीजपुर(विनोद गुप्त)। रेणुकूट वन प्रभाग अंतर्गत जरहा वन रेंज के जंगल,पहाड़, नदी से अवैध खनन रुकने का नाम नही ले रहा। अवैध खनन से जहा नदी नालों पहाड़ियों के अस्तित्व खतरे में है वही पर्यावरण की दृष्टि से भी ग्रामीणांचलों में भारी नुकसान हो रहा है। बेख़ौफ़ खनन माफिया दिन रात नदी नालों से बालू निकाल कर उसे गांवो के विकास कार्यो में खपा रहे है।क्षेत्र के कुछ सफेदपोश एवं ग्राम प्रधान भी इस अवैध कार्य में संलिप्त बताए जा रहे है। उधर वन कर्मी हमेशा दावा करते रहे कि हमारे वन क्षेत्र में कहीं भी अवैध खनन नही हो रहा है लेकिन विगत दिनों वन विभाग द्वारा ही खम्हरिया गांव के डूमरचुआ टोले से सैकड़ों ट्राली अवैध खनन किया हुआ डंप बालू पकड़ कर खुद की अपनी कलई खोल ली थी उस वक्त सवाल उठा था कि जब क्षेत्र में कही खनन नही हो रहा तो इतनी मात्रा में डंप बालू कहा से आया मामले में वन विभाग ने धीरे से चुप्पी साध ली थी। वहीं विगत 24 अक्टूबर को क्षेत्र की ठुरुकी नदी में अवैध खनन की सूचना पर पहुँचे एक वन दरोगा को धमका कर खनन कर्ता मौके से ही भगा दिया था। क्षेत्र के अजीर नदी,ठुरुकी नदी,बिच्छी नदी,मोटकी पहाड़ी,समरलोटवा नदी, सिंदूर सहित अन्य नदी नालों से क्षेत्र के ग्राम प्रधान सहित खनन माफिया जोर शोर से खनन कर नदियों सहित पहाड़ियों की सूरत बिगाड़ने पर लगे हुए है।बताया जाता है कि गाँवो में हो रहे विकास कार्य जैसे संपर्क मार्ग,श्मशान घाट,छठ पूजा घाट सहित शौचालयों एव प्रधानमंत्री आवासों में खपाया जा रहा है वन कर्मियों के अनुसार क्षेत्र में कही भी अवैध खनन नही हो रहा है जबकि क्षेत्र में जगह जगह डंप पड़े बालू,पहाड़ो को काट कर गिराई गयी गिट्टी बोल्डर वन कर्मियों के विरुद्ध खुद गवाही दे रहे है लेकिन महकमे के चश्मे से कुछ भी दिखायी नही दे रहा।डीएफओ मनमोहन मिश्रा ने कहा वन क्षेत्र में खनन बन्द है। मैं जाँच करा रहा हूँ अगर शिकायत सही पाई गई तो सम्बन्धितों पर करवाई की जाएगी।
वन विभाग के कथनी और करनी में फर्क, धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन
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