वाराणसी (जगत भाई)।
*न्याय के दीप जलाएं-100 दिनी सत्याग्रह*
*गांधी विरासत को बचाने के* लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का *आज 63 वां दिन* है। इस सत्याग्रह में अब तक उड़ीसा,पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र,राजस्थान, मध्य प्रदेश,त्रिपुरा और गुजरात की भागीदारी हो चुकी है। 6 से 10 नवंबर तक तेलंगाना की टीम सत्याग्रह में शामिल रही । 12 नवंबर से 15 नवंबर तक सत्याग्रह में शामिल होने के लिए तमिलनाडु की टीम आ चुकी है। *हरियाणा, दिल्ली, केरल,हरियाणा समेत 16 राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित हो चुकी है*।
भारत महान संतों का देश है। नानक, कबीर,रैदास,चैतन्य महाप्रभु,रामकृष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानंद,निजामुद्दीन औलिया, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती आदि मानवीय विभूतियों की उदार एवं समावेशी परंपरा तथा स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए *सेकुलर फेडरल और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक* की विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर *”न्याय के दीप जलाए जलाए -100 दिवसीय सत्याग्रह* जारी है जो 19 दिसंबर 2024 को संपन्न होगा।
*आज सुल्तानपुर की लवली यादव बैठी है उपवास पर*
आज सुल्तानपुर की लवली यादव उपवास पर बैठी हैं। लवली ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई कर अपने पिता के साथ गांधी विचार प्रचार के काम में लग गई हैं। उसने पिछले 10 सालों से गांधी साहित्य का प्रचार करना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है। जगह- जगह किताबों की प्रदर्शनी लगाना और लोगों को गांधी साहित्य पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना उन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है। ज्ञात हो कि इनके पिता अजय यादव सुल्तानपुर में सर्वोदय बुक स्टॉल के व्यवस्थापक और सर्वोदय कार्यकर्ता है।
*लवली यादव* कहती है कि यह सुनकर हमें बहुत दुख हुआ था कि प्रशासन ने सर्व सेवा संघ परिसर में स्थित प्रकाशन विभाग को तहस-नहस कर दिया। इसकी किताबें उठाकर कचरे की तरह फेंक दिया। ऐसा तो कोई जालिम ही करता है जिसकी ज्ञान से दुश्मनी होती है। प्रशासन के अधिकारी केवल अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं। इसमें इन अधिकारियों का निजी स्वार्थ भी होता है। कानून के विरुद्ध काम करने वाले अफसरों पर समुचित कार्रवाई होनी चाहिए।अन्याय का शांतिपूर्ण प्रतिकार करना हमारा फर्ज है।
उपवासकर्ता *लवली यादव* के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज,लेखक एवं पत्रकार शक्ति कुमार, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनुप श्रमिक,शांति देवी,सर्व सेवा संघ प्रकाशन के संयोजक अशोक भारत, चंबल के बागियों के समर्पण अभियान में सक्रिय रहे गांधीवादी कार्यकर्ता रविंद्र सिंह चौहान,तारकेश्वर सिंह, सुरेंद्र नारायण सिंह, लोक समिति आश्रम के नंदलाल मास्टर,अजय यादव,विद्याधर सुनीता यादव, तमिलनाडु से वे मुरूगन, पी के के संपत, एस टी मूर्ति, एस बालाकृष्णन, मुरूगन वी, एम शिवगुरुनाथन, एस मनोकरण, राजेंद्रन सहित कुल 13 कार्यकर्ता शामिल हुए।