संकट से उबरने के लिए आर्थिक विकास की दिशा को बदलने की जरूरत
दुद्धी में जनमुद्दों को लेकर अभियान, मार्च में होगी विकास यात्रा
म्योरपुर, सोनभद्र।
प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट जारी है। बुनकरी व सूती वस्त्र उद्योगों की नोटबंदी व जीएसटी ने कमर तोड़ दी है। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) अभी भी भारी संकट में हैं। गरीबी सूचनांक में भी बिहार व झारखंड के बाद प्रदेश तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में 6.66 लाख करोड़ का भारीभरकम कर्ज है। प्रदेश में रोजगार की स्थिति भयावह है, रोजगार सृजन ठप है यहां तक कि सरकारी विभागों में 6 लाख रिक्त पदों को भी भरा नहीं जा रहा है। प्रदेश में इंवेस्टर्स मीट की बड़ी चर्चा होती रहती है लेकिन सच्चाई यह है कि जो प्रचार है उसके बरक्स वास्तविक निवेश बेहद कम है। बल्कि प्रदेश से पूंजी का पलायन महाराष्ट्र, गुजरात जैसे प्रदेशों में हो रहा है। उक्त बातें रविवार को रासपहरी स्थित कार्यालय में आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की जिला कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए आर्थिक दिशा में बदलाव की जरूरत है। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) में पर्याप्त पूंजी के साथ ही उपर्युक्त तकनीक व बाजार सुनिश्चित किया जाए, छोटी छोटी जोतों का सहकारी आधार पर पुनर्गठन और कृषि आधारित उद्योग, किसानों की फसलों का वाजिब दाम, बैंकों में जमा की गई धनराशि का स्वरोजगार के लिए लोन, मानदेय कर्मियों को सम्मानजनक वेतनमान और संविदा कर्मियों को विनियमित करने, रिक्त पड़े 6 लाख पदों को भरने, शिक्षा-स्वास्थ्य और नागरिक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने जैसे उपायों से प्रदेश की ठहरी हुई अर्थव्यवस्था में गति आ सकती है। बैठक की अध्यक्षता सेवा लाल कोल और संचालन आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने किया.
युवा मंच प्रदेश संयोजक राजेश सचान ने कहा कि मोदी सरकार के सक्रिय सहयोग से अडानी जैसे कारपोरेट्स ने अकूत कमाई कर संपत्ति में ईजाफा किया है। हिंडेनबर्ग के खुलासे से इसका पर्दाफाश हो गया है। दरअसल मोदी सरकार ने नियमों और कानून को दरकिनार 10 लाख करोड़ बैंकों का कर्जा इन कारपोरेट्स का माफ कर दिया और तमाम रियायतें दी गई। मोदी सरकार की कारपोरेट हितैषी नीतियों का ही परिणाम है कि देश में आय असमानता तेजी से बढ़ी है।
मजदूर किसान मंच के जिला अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोंड, आईपीएफ के नवनिर्वाचित तहसील संयोजक शिव प्रसाद गोंड ने कहा कि आदिवासियों को जमीन आवंटन का जोरशोर से प्रचार हुआ। जमीन वितरण के लिए आयोजित समारोह में सरकारी संसाधनों का बड़े पैमाने पर अपव्यय हुआ लेकिन एक भी आदिवासी को अभी तक जमीन आवंटन नहीं हुआ है। आदिवासियों समेत गरीब छात्राओं के लिए महिला डिग्री कालेज खोलने, स्वास्थ्य सुविधाओं व रोजगार सृजन जैसे सवालों पर भी चर्चा की गई।
बैठक में हुए निर्णय की जानकारी देते हुए आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका ने बताया कि आदिवासियों और वनाश्रितों को वनाधिकार कानून के तहत जमीन के अधिकार, आदिवासी कोल को जनजाति की सूची में शामिल करने, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, शुद्ध पेयजल और पर्यावरण की रक्षा जैसे सवालों पर दुद्धी तहसील में विकास यात्रा निकालने का निर्णय बैठक में हुआ।
मीटिंग में प्रस्ताव लेकर मांग की गई कि 120 बी, रासुका, गैंगस्टर व गुंडा एक्ट का दुरूपयोग रोका जाये, सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों के निर्बाध संचालन की अनुमति दी जाए और उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम-2020 को रद्द किया जाये।
बैठक में आइपीएफ के संस्थापक सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा लिखित पुस्तिका ‘उत्तर प्रदेश एक नज़र में’ का पाठ किया गया और लोकतंत्र व समावेशी विकास के लिए लगे लोगों को एकजुट करने की अपील की गई।
बैठक में मजदूर किसान मंच के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड, ठेका मजदूर यूनियन के मंत्री तेजधारी गुप्ता, महेंद्र प्रताप सिंह, युवा मंच जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, मंगरू प्रसाद गोंड, इंद्रदेव खरवार, शिवप्रसाद गोंड, राम विचार गोंड, देव रूप गोंड, मनोहर गोंड, रंजू भारती, महावीर गोंड, शंखलाल गोंड, बलबीर सिंह गोंड, गुंजा गोंड, सुगवंती गोंड, रामनाथ गोंड, राम उजागिर गोंड, अजय भारती, बिरझन गोंड, राम विचार गोंड आदि ने विचार रखे।