दस्तावेज में बैनामा की जमीन बढ़ा किया था कब्जा
दुद्धी, सोनभद्र। सत्यापन दस्तावेज में हेरफेर कर अवैध रूप से कब्जाई जमीन व मकान को मंगलवार की शाम तहसीलदार दुद्धी ज्ञानेंद्र सिंह ने मय फोर्स पहुंचकर खाली कराया। कब्जा मुक्ति के दौरान मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ी रही।
दुद्धी कस्बे के महावीर महाल निवासी अन्नपूर्णा देवी पत्नी स्व. शोभनाथ गुप्ता का जमीन बैनामा के बाद, क्रेता के हाथ लगी बैनामा के प्रति के उलट दूसरा दस्तावेज पंजीकृत कर दिया गया।
दाखिल खारिज के बाद, जमीन विक्रेता को जब वास्तविकता की जानकारी हुई तो उसके पैरों तले जमीन सी खिसक गई। हैरान-परेशान पीड़ित कई माह तक सरकारी अफसरों के यहां चक्कर लगाती रही। दुद्धी में आयोजित तहसील समाधान दिवस में डीएम को दिए प्रार्थना पत्र पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रकरण में धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया वहीं मौके पर पहुंच तहसीदार ज्ञानेंद्र सिंह ने भवन में अवैध रूप से लगाये गए लोहे के दो बड़े गेट को तुड़वा मकान के पीछे स्थित जमीन को ट्रैक्टर से जुतवा पीड़ित पक्ष को कब्जा सौंपा।
बता दें कि गत 10 जनवरी 2023 को अन्नपूर्णा देवी पत्नी स्व. शोभनाथ गुप्ता रजखड़ स्थित जमीन के नौ गाटों में से, 1/4 अंश कौशल्या रानी पुत्री कृष्णा मेहता, निवासी पाल्हेकला, थाना नगर उंटारी, जिला गढवा, झारखंड, हाल पता, रजखड़, थाना-दुद्धी को बेचा था।
पीड़िता का आरोप था कि क्रेता ने सब रजिस्ट्रार दुद्धी के मिलीभगत से जो नम्बरान उसने विक्रय किया था, दौरान बैनामा तस्दीक यानी अगले दिन 11 जनवरी 2023 को बैनामा दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन का रकबा बढ़ोत्तरी किए जाने के साथ ही, जमीन के नवैयत में भी हेरफेर कर दिया गया। आरोप है कि इस कूटरचना में सब रजिस्ट्रार के साथ ही, सभी स्टाफों की भूमिका संदिग्ध है। पीड़िता का कहना है कि उसकी नीयत में कोई खोट नहीं थी इसलिए उसने न तो सब रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर दोबारा बैनामा दस्तावेज चेक किया न ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया में ही कोई आपत्ति दर्ज कराई।
आरोप है कि आरोपी नामांतरण के बाद, तयशुदा जमीन से ज्यादा जमीन और उसके मकान पर कब्जा करने पहुंच गए, तब उसे इसकी जानकारी हुई। उसने खतौनी चेक कराई और सब रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर बैनामा दस्तावेज चेक कराया तो पता चला कि दस्तावेज में बैनामा तस्दीक की प्रक्रिया के दौरान खासा हेरफेर किया गया है। और इसके आधार पर उसका पांच कमरे का मकान कब्जा लिया गया था। प्रशासन के सहयोग से पीड़ित को उसका जमीन मिलने के बाद राहत की सांस ली है।