गांवों को समृद्ध करने के लिए सामाजिक न्याय आधारित विकास जरूरी
जिसकी जितनी भागीदारी उतनी उसकी हिस्सेदारी
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
म्योरपुर/ ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम में आयोजित दो दिवसीय ग्राम स्वराज सम्मेलन का बुधवार को आयोजन किया गया ।विकास- गांव का स्थायित्व विषय पर बोलते हुए सरकारी और गैर सरकारी संगठनों के सलाहकार मुख्य अतिथि डा गुरजीत सिंह ने कहा कि देश में केन्द्रकृत योजनाओं से विकास संभव नहीं है।
पैर के हिसाब से जूता की जूता के अनुसार पैर का उदाहरण देते हुए डॉ सिंह ने कहा कि गांव को सशक्त और स्थायित्व देने के लिए गांव से योजना बनानी होगी ।इसके लिए जरूरी है की भागीदारी और हिस्सेदारी तय हो और योजनाएं गांव में बने और चुनी हुई सरकार मदद करें। उन्होंने पूंजी वाद से गरीबी बढ़ने की वकालत करते हुए कहा कि पूंजीवाद बहुत टिकाऊ नहीं होता।एक करोड़पति से सौ लोग गरीब होते है। उन्होंने सबका विकास और सबका साथ पर भी कटाक्ष किया और कहा कि सबसे पहले गरीबों का
विकास हो उनके लिए पूंजी लगाई जाए।कहा कि कल्याणकारी योजनाओं से घाटा होना स्वाभाविक प्रक्रिया है। अतः घाटा मुनाफे से निकलकर तय करना होगा कि उस व्यवस्था को अधिक ताकत दें जिससे ज्यादा लोग जुड़े हैं। गुजरात से आए सामाजिक कार्यकर्ता और गांधी विचारक अशोक चौधरी ने कहा कि गांव का झगड़ा गांव में निपटाने के प्रचलन को पुनर्जीवित करना होगा। उन्होंने स्थानीय संसाधन पर रोजगार की वकालत की और कहा कि बेरोजगारी का एक ही हल है स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़े युवा।अरविंद अंजुम ने कहा कि देश के दस बड़े उद्योग पतियों के पास 93 लाख करोड़ की संपति है और यह किसी न किसी रूप में प्रकृति के दोहन से ही हुआ है। कहा कि दो तरह के गांव हो गए है एक जाति आधारित समाज और दूसरा आदिवासी समाज दोनों में सांस्कृतिक भेद हैं। गांव का शाश्वत विकास के लिए एक ऐसी व्यवस्था को सोचना होगा जहां लोग समता आधारित जीवन जी सकें। विशिष्ट अतिथि सतीश गिरिजा ने कहां कि हमें अपने विकास के लिए कुछ संकल्प लेकर अभियान चलाकर काम करने होंगे उससे हमारी आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और हमारा विकास भी होगा।आश्रम की मुखिया शुभा प्रेम ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि बनवासी सेवा आश्रम 230 गांव के 445 ग्राम स्वराज्य सभाओं में काम कर रहा है। जिसमें 152 ग्राम स्वराज सभाओं का झगड़ा कोर्ट नहीं गया है। इस वर्ष 722 झगड़े गांव में सुलझाए गए। बीस ग्राम कोष में सवा दस लाख रुपए जमा किया गया। 26 गांवों में जंगल बचाने का प्रयास हुआ । प्रशिक्षित पशु मित्रों ने पशु चिकित्सकों से मिल कर 55 गांवों में पशु इलाज किया गया। साथ ही पर्यावरण सरंक्षण,जल प्रबंधन , जैविक खेती, आदि के माध्यम से ग्राम स्वराज्य की दिशा में आगे बढ़ रहे है। सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंदन पाल ने गांधी के सपनो के ग्राम स्वराज्य की दिशा में हो रहे देश भर के कार्यों की जानकारी दी। डा विभा प्रेम और रामेश्वर प्रसाद ने प्रदूषण और उसके लिए उठाए जा रहे कदम की जानकारी दी।ब्लॉक प्रमुख मान सिंह गोंड ने क्षेत्र की समस्या को हल करने के लिए सभी को एक जुट होने की अपील की।सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि आज का विकास निरंतर हमे विनाश की तरफ ले जा रहा है। बाजार की संस्कृति गांव में घुस गई है हमे गांधी विचार की तरफ लौटना होगा। और विकास की अवधारणा को मानव और प्रकृति के सृजन में लगाना होगा। मौके पर पंकज कुमार, श्री मोहन शुक्ला,आर एन पाठक,मनोज महापात्र, लक्ष्मण दत्त मिश्र, ओंकार नाथ पांडेय,रामबृक्ष गोंड,कुसुम रावत,रामचंद्र दुबे, विमल भाई, डी एन सिंह, युद्धेश कुमार,वीरेंद्र राय, एल बी राय , आदि उपस्थित रहे।
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