वाराणसी (जगत भाई)।
गांधी विरासत को बचाने के लिए सत्याग्रह का *आज 51 वां दिन है। पिछले वर्ष जुलाई में वाराणसी एवं रेलवे प्रशासन ने मिलकर सर्व सेवा संघ परिसर को अतिक्रमण बताकर बुलडोज कर दिया था। वास्तविकता यह है कि सर्व सेवा संघ ने 1960, 1961 व 1970 में यह जमीन उत्तर रेलवे से खरीदी थी।*
इस विरासत को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर *”न्याय के दीप जलाएं”* नाम से *100 दिवसीय राष्ट्रीय सत्याग्रह* सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर के किनारे सड़क पर चल रहा है। इस सत्याग्रह में पूरे देश के सर्वोदय सेवक,सामाजिक कार्यकर्ता व नागरिकगण शामिल हो रहे हैं। आज सत्याग्रह के क्रम में उपवास पर मध्य प्रदेश के *सतना जिले से बलराम सेन* बैठे हैं। बलराम सेन पेशे से पत्रकार हैं और इसे स्वतंत्र रूप से मिशन समझकर करते हैं ताकि बंधनों से मुक्त रहें। वैसे भी आज की पत्रकारिता मालिक की कृपा से चल रही है। पत्रकारिता के साथ ही इनका सामाजिक सरोकार भी बना हुआ है। वे सर्वोदय की विचारधारा से विगत 15 वर्षों से जुड़े हुए हैं और फिलहाल मध्य प्रदेश सर्वोदय मित्र मंडल के संयोजक के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं।
*वे मानते हैं कि भारत सरकार ने गांधी विरासत को नष्ट करने का जो कदम उठाया है, वह अच्छा नहीं है। महात्मा गांधी की पहचान पूरी दुनिया में है,सभी उन्हें मान रहे है। एक समय था जब नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की शारीरिक हत्या की थी और आज की सरकार गांधी की विरासत की हत्या करने पर उतारू है। लेकिन गांधीवादियों के रहते यह संभव नहीं हो पाएगा। एक न एक दिन सरकार को अपना कदम पीछे खींचना पड़ेगा और गांधी की विरासत को मूल स्वरूप में वापस लौटना पड़ेगा ।*
आज सत्याग्रह स्थल से चौथी कक्षा में पढ़ने वाले 9 वर्षीय *प्रणव सेल* ने प्रधानमंत्री के अपील करते हुए निवेदन किया कि *मैं चाहता हूं कि आपका नाम गांधी की विरासत को खत्म करने वालों में न लिखा जाए* क्योंकि भारत की पहचान गांधी से है और भारत की पहचान को संभाल कर रखने का काम आप करेंगे, ऐसा मुझे विश्वास है।
सत्याग्रह स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के अनूप श्रमिक ने कहा कि दुनिया में दो पक्ष है,सत्ता का और जनता का। *हम चाहे जिस विचारधारा के हों पर हमें हमेशा जनता के पक्ष में रहना है*।
सभा को *बिहार प्रदेश लोक समिति के महामंत्री शिवजी सिंह* ने कहा कि गुजरात से आकर नरेंद्र मोदी यहां आकर गांधी की विरासत को गिरा रहे हैं।उनका सामना किया जाएगा। भारत जोड़ो अभियान के संयोजक शाहिद कमाल ने कहा कि गांधी संस्थानों की संपत्ति पर आर एस एस एवं कुछ अन्य तत्वों की कुदृष्टि है।वो हमारे प्रतीकों एवं विरासत पर कब्जा कर लेना चाहते हैं क्योंकि उनके पास कोई आईकान नहीं है।इन्हें लोकतंत्र पर भी विश्वास नहीं है,बस सत्ता चाहिए।सामाजिक कार्यकर्ता फरीद आलम ने कहा कि सौ दिन नहीं, जरूरत पड़ी तो सौ हजार दिन का भी सत्याग्रह होगा। जो सत्ताधारी दस्तावेज को नहीं मानता वो समाज में अराजकता फैला देगा।
आज के सत्याग्रह में उपवासकर्ता *बलराम सेन* के अलावा चंदन पाल,अलख भाई, शक्ति कुमार, संध्या सिंह,कन्हैया राम,सुरेश,समीर,प्रणव सेन,शिवजी सिंह, तारकेश्वर सिंह, सोती, नंदलाल मास्टर,ईश्वर चंद्र,शाहिद कमाल,भूपेश भूषण,राजेश मानव,काजी फरीद आलम,रामधीरज, अरविंद अंजुम,अनूप श्रमिक,अवधेश कुमार,लली कुमारी,मथुरा सिंह आदि शामिल हुए।