सब रजिस्ट्रार कार्यालय दुद्धी का कारनामा
दुद्धी, सोनभद्र। तहसील मुख्यालय स्थित सब रजिस्ट्रार दफ्तर में जमीन के बैनामे से संबंधित दस्तावेज के पंजीयन में, कार्यालय कर्मियों का विस्मित कर देनेे वाला कारनामा सामने आया है। जमीन बैनामा के बाद, क्रेता के हाथ लगी बैनामा के प्रति के उलट दूसरा दस्तावेज पंजीकृत कर दिया गया। दाखिल खारिज के बाद, जमीन विक्रेता को जब वास्तविकता की जानकारी हुई तो उसके पैरों तले जमीन सी खिसक गई। हैरान-परेशान पीड़ित कई माह तक सरकारी अफसरों के यहां चक्कर लगाता रहा। अब जाकर दुद्धी में आयोजित तहसील समाधान दिवस में डीएम को दिए प्रार्थना पत्र पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। प्रकरण में पुलिस, धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर, छानबीन में जुटी हुई है।
दुद्धी कस्बे के महावीर महाल निवासी अन्नपूर्णा देवी पत्नी स्व. शोभनाथ गुप्ता का आरोप है कि गत 10 जनवरी 2023 को उसने रजखड़ स्थित जमीन के नौ गाटों में से, 1/4 अंश कौशल्या रानी पुत्री कृष्णा मेहता, निवासी पाल्हेकला, थाना नगर उंटारी, जिला गढवा, झारखंड, हाल पता, रजखड़, थाना-दुद्धी को बेचा था। बैनामा के पेज संख्या 01 पर जमीन के स्थिति का जिक्र किया गया था जिसमं के प्रकार में कृषि भूमि जो सड़क किनारे स्थित नहीं है और न ही बहुमंजिला भवन निर्माण किया गया है.. का जिक्र किया गया था।
पीड़िता का आरोप है कि क्रेता ने सब रजिस्ट्रार दुद्धी के मिलीभगत से जो नम्बरान उसने विक्रय किया था, दौरान बैनामा तस्दीक यानी अगले दिन 11 जनवरी 2023 को बैनामा दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन का रकबा बढ़ोत्तरी किए जाने के साथ ही, जमीन के नवैयत में भी हेरफेर कर दिया गया। आरोप है कि इस कूटरचना में सब रजिस्ट्रार के साथ ही, सभी स्टाफों की भूमिका संदिग्ध है। पीड़िता का कहना है कि उसकी नीयत में कोई खोट नहीं थी इसलिए उसने न तो सब रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर दोबारा बैनामा दस्तावेज चेक किया न ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया में ही कोई आपत्ति दर्ज कराई।
आरोप है कि आरोपी नामांतरण के बाद, तयशुदा जमीन से ज्यादा जमीन और उसके मकान पर कब्जा करने पहुंच गए, तब उसे इसकी जानकारी हुई। उसने खतौनी चेक कराई और सब रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर बैनामा दस्तावेज चेक कराया तो पता चला कि दस्तावेज में बैनामा तस्दीक की प्रक्रिया के दौरान खासा हेरफेर किया गया है। और इसके आधार पर उसका पांच कमरे का मकान कब्जाने का प्रयास जारी है।
बताते चलें कि इस मामले में सिविल न्यायालय की तरफ से भी पीड़िता के हक में अंतरिम आदेश पारित किया गया है। पारित फैसले में न्यायालय ने कहा कि दो दस्तावेज उसके सामने आए हैं। दोनों पर एक ही जमीन के बैनामे का जिक्र और पंजीयन तिथि दर्ज है लेकिन एक बैनामे में रकबा ज्यादा दर्शाया गया है। इसको दृष्टिगत रखत हुए न्यायालय ने संबंधित भूभाग पर पीडिता के कब्जा दखल में किसी तरह से हस्तक्षेप के लिए, क्रेतापक्ष को मना किया है और इसको लेकर अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश जारी किया गया है।