एनटीपीसी रिहंद में बालिका सशक्तिकरण अभियान 2024-आधारभूत सर्वेक्षण का आयोजन
बीजपुर (रामजियावन गुप्ता)। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी एनटीपीसी रिहंद में बालिका सशक्तिकरण अभियान 2024 का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के पहले चरण में शुक्रवार को आधारभूत सर्वेक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें आस-पास के सरकारी विद्यालयों से आई बालिकाओं बौद्धिक स्तर का परीक्षण कर बच्चियों को चयनित किया गया है। इसके बाद एक बालिका सशक्तिकरण अभियान (जेम) के लिए दैनिक पाठ्यक्रम की सूची तैयार की जाएगी। एनटीपीसी रिहंद गर्मी की छुट्टियों के दौरान कक्षा 5वीं की बालिकाओं के लिए एक महीने की जेम कार्यशाला के माध्यम से उन्हें उनके सर्वांगीण उत्थान और विकास के लिए एक मंच प्रदान करता है।
एनटीपीसी ने 2018 में बालिका सशक्तिकरण अभियान (जेम) के अंतर्गत बालिकाओं के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए एक माह के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था। इसके तहत एनटीपीसी नैगम सामाजिक दायित्व के माध्यम से वीएसआर (विंध्याचल, सिंगरौली, रिहंद) की परियोजनाओं में बालिका सशक्तिकरण अभियान को पाइलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया। इससे प्रोत्साहित होकर 2019 में नैगम सामाजिक दायित्व के तहत एनटीपीसी की सभी परियोजनाओं/स्टेशनों में इस कार्यक्रम को भारी उत्साह के साथ आयोजित करवाया गया। एनटीपीसी के जेम अभियान से अब तक कुल 7,424 बालिकाओं को लाभ हुआ है, तरह एनटीपीसी रिहंद में जेम से 480 बालिकाओं को लाभ हुआ है। एनटीपीसी रिहंद केवल बालिका सशक्तिकरण अभियान तक ही सीमित नही है बल्कि बच्चियों के मूल्याकन के परिणाम एवं शिक्षा के प्रति रुचि को ध्यान में रखते हुये साल 2023 में 10 श्रेष्ठ बच्चियों को परियोजना के डीएवी स्कूल में प्रवेश दिलाकर उनकी अन्य आवश्यकताओं की भी पूर्ति की जा रही है।
बालिका सशक्तिकरण अभियान कार्यशाला के अंतर्गत बच्चियों को शिक्षा के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए भी सभी उपयोगी प्रशिक्षण जैसे व्यक्तित्व विकास, संचार कौशल, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, कौशल विकास की ट्रेनिंग भी दी जाती है । इसके अलावा अन्य दैनिक जीवन उपयोगी प्रशिक्षण जैसे- योगा, खेल-कूद, गुड टच एवं बैड टच आदि का ज्ञान प्रदान करते हुये उन्हे जीवन के हर परिस्थिति में जीवन जीने की कला को भी सिखाने का प्रयास किया जाता है ।
एनटीपीसी रिहंद का लक्ष्य इन बालिकाओं को आवश्यक उपकरणों से लैस करके और उन्हें हर वक्त मदद मुहैया कराते हुए आने वाली पीढ़ियों के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करना है। इसका उद्देश्य बालिकाओं को बदलाव का वाहक बनने के लिए सशक्त बनाना है, जिससे वे न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार, समुदाय और पूरे देश को भी प्रेरित कर सकें।