● हरदोई और उन्नाव में रोजगार, जमीन व किसानों के अधिकार के लिए चलेगा अभियान
● अति पिछड़ों को मिले अलग आरक्षण कोटा
● हरदोई के गांव तरौली में हुआ किसान सम्मेलन
मल्लावां, हरदोई। जननायक कर्पूरी ठाकुर के जन्म शती के मौके पर तरौली के आदर्श आर्य इंटर कॉलेज में आयोजित किसान सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि समाजवादी धारा से जुड़े कर्पूरी ठाकुर देश में कम्युनिस्ट, अंबेडकरवादियों और समाजवादियों को मिलाकर जन राजनीति को खड़ा करना चाहते थे। जिसमें जनता के मुद्दे प्रमुख रूप से उभरें और जनता का भला हो सके। इसलिए आज जन राजनीति को खड़ा करना ही कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सम्मेलन में भारत सरकार द्वारा कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हुए कहा गया कि मोदी सरकार यदि कर्पूरी ठाकुर के प्रति सम्मान रखती है तो उसे उनके फार्मूले को पूरे देश में लागू करना चाहिए और अति पिछड़ों को अन्य पिछड़ा वर्ग में अलग आरक्षण कोटा देना चाहिए।
सम्मेलन में हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और देश में रिक्त पड़े एक करोड़ सरकारी पदों पर तत्काल भर्ती शुरू करने, दलित-आदिवासी-अति पिछड़े समाज के लोगों को आवासीय भूमि और आजीविका के लिए एक एकड़ जमीन देने, शिक्षा और स्वास्थ्य पर बजट बढ़ाने और इसकी सरकारी व्यवस्था को बेहतर करने, सहकारी खेती को प्रोत्साहित करने, नागरिक अधिकारों की रक्षा करने और किसानों के लिए एमएसपी कानून बनाने, लेबर कोड की समाप्ति और पुरानी पेंशन बहाली जैसे मुद्दों पर एजेंडा यूपी के तरफ से चलाए जा रहे अभियान पर सहमति बनी और उन्नाव और हरदोई में भी इन सवालों को जनता के बीच ले जाने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि आज देश के संविधान और लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है। संविधान में लोकतंत्र के तहत मिले न्याय, स्वतंत्रता, समता, बंधुत्व के अधिकार को खत्म किया जा रहा है। कॉर्पोरेट- हिन्दुत्व का गठजोड़ देश में तानाशाही लाने पर आमादा है। इसका लोकतंत्र व धर्म निरपेक्षता सबसे बड़ी शिकार हो रही है। इसके खिलाफ व्यापक एकता की जरूरत है। वक्ताओं ने कहा कि देश में सब कुछ चंद पूंजी घरानों के लिए किया जा रहा है। अर्थशास्त्रियों का दृढ़ मत है कि सरकार कॉर्पोरेट पर संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर लगाए तो हर नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, भरपेट भोजन और पेंशन के अधिकार की गारंटी की जा सकती है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि सामाजिक न्याय की यात्रा अधूरी है। बिना सामाजिक और आर्थिक अधिकार हासिल हुए राजनीतिक अधिकार को भी सुरक्षित नहीं रखा जा सकता। इसलिए समाज के सबसे कमजोर तबके भूमिहीन और गरीबों को आवासीय भूमि और आजीविका के लिए एक एकड़ जमीन देकर उन्हें उन्नत किया जा सकता है और प्रदेश से पलायन रोका जा सकता है। सरकार को किसानों से किए वादे को पूरा करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून बनाना चाहिए।
सम्मेलन की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष राजबहादुर सिंह यादव और संचालन भाकपा (माले) प्रभारी ओम प्रकाश ने किया। सम्मेलन के प्रस्ताव आईपीएफ नेता और मानव कल्याण एकता समिति के संयोजक राधेश्याम कनौजिया ने रखा। सम्मेलन को ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर, एचबीटीआई के प्रो. बृजेंद्र कटियार, पूर्व डीएफओ रामगोपाल वर्मा, वैचारिक चेतना संघ के गया प्रसाद पाल, पूर्व प्रधानाचार्य प्रताप नारायण कनौजिया, बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर अनिल गौतम, नागेंद्र सिंह कनौजिया, रिटायर्ड डीआरएम नंदकिशोर, भगत सिंह अंबेडकर पुस्तकालय के प्रभारी कौशल याद, अध्यापक नाथूलाल कनौजिया, रामशंकर कठेरिया, देवी चरण पटेल आदि लोगों ने संबोधित किया।