सोनभद्र। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को ट्वीट कर आदिवासी बाहुल्य सोनभद्र जनपद में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करने, सरकारी अस्पतालों में सभी रिक्त पदों खासतौर पर स्त्री एवं प्रसूति रोग एवं अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की तत्काल नियुक्ति और शासन द्वारा निर्धारित जांच सुविधाओं व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की है। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के जिला प्रवक्ता महेन्द्र सिंह ने बताया कि गंभीर पेयजल संकट की वजह से सैकड़ों गांवों में लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के भी उपाय नहीं किए जा रहे हैं और अब बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। ऐसे में बीमारियों के प्रकोप का खतरा है लेकिन स्वास्थ्य महकमे के पास संसाधनों की उपलब्धता बेहद सीमित है। हालत यह है कि आकांक्षी जिला होने के बावजूद जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट तक नहीं है। इसी तरह 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के पद पर तैनाती नहीं है। शिशु रोग, आर्थो, फिजिशियन आदि की भी भारी कमी है। बातें बड़ी की जा रही हैं लेकिन रेनकूट और ओबरा दोनों प्रमुख औद्योगिक जोन में 100-100 बेड के सरकारी अस्पतालों की मांग को अनसुना किया जा रहा है। अनपरा के डिबुलगंज में बने संयुक्त चिकित्सालय की हालत खराब है। सलखन व सागोबांध जैसे तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टर ही नहीं है। कहा कि आयुष्मान योजना का खूब प्रचार किया जा रहा है लेकिन हकीकत यह है कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोनभद्र में 10,62,160 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य था जबकि 2,43,437 लोगों का कार्ड बना है। जिसमें से भी महज 14066 लोग ही लाभान्वित हुए है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि अधिकांश निजी अस्पताल गंभीर रोगों में आयुष्मान कार्ड से ईलाज करने से इंकार कर देते हैं।
डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री को बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आइपीएफ ने किया ट्वीट
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