वाराणसी (जगत भाई)।
*सत्याग्रह के 99 वें दिन उपवास प्रारंभ*
*न्याय के दीप जलाएं सत्याग्रह बुधवार की सुबह 6 बजे सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ शास्त्री घाट, कचहरी, वाराणसी पर प्रारम्भ हुआ*। *आज सत्याग्रह के क्रम में उपवास पर नारीवादी कार्यकर्ता रंजू सिंह, थिएटर एक्टिविस्ट अशोक मानव, लोक चेतना समिति की मैनब बानो, किसान कार्यकर्ता ज्योति डेहरिया,राम लगन पांडे, अजय यादव और जोखन सिंह यादव बैठे हैं*।
*आज के उपवासकर्ता*
*नारीवादी कार्यकर्ता रंजू सिंह*
आज उपवास पर वाराणसी की प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता एवं नारीवादी रंजू सिंह विगत 25 वर्षों से सामाजिक जीवन में निरंतर सक्रिय है। गांधी एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों से प्रेरित होकर उनका सामाजिक सरोकारों का वर्षों पहले जो रिश्ता बना, वह आज भी कायम है। किसी भी परिस्थिति का धैर्य पूर्वक सामना करना और हर समस्या के समाधान खोजने की प्रवृत्ति इनके किरदार की खासियत है। लोक चेतना समिति की कार्यकारी निदेशक की हैसियत से काम करते हुए मनरेगा मजदूरो को वाजिब काम और दाम दिलाने का वर्षों से प्रयास किया है। महिला समूह का गठन कर हजारों महिलाओं को सचेत एवं सशक्त करने का काम मामूली नहीं है जिसे इन्होंने किया है। किशोरियों में शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में दिलचस्पी और पीरियड जैसे संकोच ग्रस्त मामलों को सहजता से निपटती रही हैं। *लोकतंत्र की बुनियाद पंचायती राज को कार्य रूप देने , महिलाओं में विषमता के खिलाफ तथा स्वावलंबन के लिए भी सक्रिय हैं।*
*अशोक मानव*
आरा, बिहार के रहने वाले अशोक मानव एक संघर्षशील परिवर्तनवादी कार्यकर्ता है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित निर्दलीय संगठन, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी से जुड़कर इनका सामाजिक जीवन में प्रवेश हुआ। एक बार रात में वॉल राइटिंग करते हुए पुलिस वालों ने नाम के साथ जब जात पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि *वाहिनी का कोई जात होता है क्या*? वाहिनी के कार्यकर्ता नाम के साथ जाति सूचक उपाधि का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अन्याय का प्रतिकार करना इनकी फितरत है। आरा शहर में नागरिक सुविधाओं के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं। इसी के साथ वह एक रंगकर्मी भी है। आरा में रंगकर्म की एक समृद्ध परंपरा रही है। इसी विरासत को बढ़ाते हुए राष्ट्रीय फलक पर ले गए हैं। इनके प्रयास से *ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल* नामक फोरम का निर्माण हुआ है जिसके ये संयोजक भी हैं।
*मैनब बानो*
लोक समिति की समर्पित कार्यकर्ता मैनब बानो किशोरियों को पीरियड के बारे में बताना अपना फर्ज समझती है। सामाजिक धारणाओं के चलते इस प्राकृतिक क्रिया को अपवित्र माना जाता है। पवित्रता का यह सिद्धांत कई प्रकार की समस्याएं पैदा करती है जिसे दूर करना स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और यह जरूरी काम मैनब दिलो जान से करती है।
छिंदवाड़ा से आई *ज्योति डेहरिया* किसानों के बीच में सक्रिय है। सन 2000 से ही अंबेडकर मिशन से जुड़कर समाज में अन्याय के खिलाफ अलख जगा रही है। सत्ता राजनीति में चरित्रगत बदलाव के लिए खुद भी दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं। वह सोचती हैं कि समाज में व्याप्त हर प्रकार का अन्याय दूर होना चाहिए, शांति होनी चाहिए, सौहार्द होना चाहिए। अभाव नहीं होना चाहिए।
*रामलगन पांडे*
राम लखन पांडे सुल्तानपुर के उत्साही किसान नेता है। वे किसानों पर होने वाले अत्याचार से दुखी रहते हैं और इसे दूर करने का भी प्रयास करते हैं। अपने साथियों के साथ वाराणसी आकर सत्याग्रह में शामिल हुए हैं और आगे भी शामिल रहने की इच्छा रखते हैं।
*100 दिन के सत्याग्रह का कल होगा समापन*
*जुटने लगे हैं देश भर के गांधीजन और सामाजिक कार्यकर्ता*
राजघाट वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ परिसर के पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ विनोबा जयंती, 11 सितंबर 2024 से प्रारंभ *100 दिन का सत्याग्रह- न्याय के दीप जलाएं* का कल 19 दिसंबर 2024 को 100 दिन पूरा हो जाएगा 19 दिसंबर 1927 को ही स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी- राम प्रसाद बिस्मिल,रोशन सिंह और अशफ़ाकउल्ला को फांसी दी गई थी। इस सत्याग्रह की मुख्य मांग है – सर्व सेवा संघ परिसर को क्षतिपूर्ति सहित ससम्मान वापसी तथा परिसर के अवैध कब्जे में शामिल अधिकारियों की जांच कर उन पर समुचित कानूनी कार्रवाई।
19 दिसंबर को सुबह 6:00 बजे राजघाट में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी और वहीं से एक प्रभातफेरी निकलकर शास्त्री घाट तक पहुंचेगी। सुबह का वक्त इसलिए तय किया गया है ताकि यातायात में बाधा उत्पन्न न हो। शास्त्री घाट पर दिनभर सभा होगी, जहां अतिथियों का संकल्प वक्तव्य होगा। शाम 6:00 बजे अंबेडकर प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम के पहले चरण का समापन होगा।
समापन समारोह में भाग लेने के लिए देशभर से गांधी जन एवं सचेत नागरिकों का जत्था बनारस पहुंचने लगा है। महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी, सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष चंदन पाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ सुगन वरंट एवं प्रबंधक ट्रस्टी शेख हुसैन, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, लोकतांत्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के सह संयोजक मंथन, जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी के राष्ट्रीय समिति के सदस्य सुशील कुमार, समाजवादी नेता डॉ सुनीलम, भारत जोड़ो अभियान के शाहिद कमाल, ऑल इंडिया थिएटर काउंसिल के अशोक मानव, यूसुफ मेहर अली केंद्र की गड्डी, समग्र ग्राम सेवा संघ के सवाई सिंह, किसान संगठन के दशरथ भाई, देवेंद्र, किसान नेता एस मल्लिकार्जुन, एम जगदीश, ईश्वर चंद्र त्रिपाठी, डा संत प्रकाश, ओंकार सिह, सुशीला, सत्यम पासवान आदि शामिल हो रहे हैं।
*गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 99 वां दिन* है।
19 दिसंबर 1927 को स्वतंत्रता आंदोलन के तीन क्रांतिकारियों- *राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह और अशफाकुल्ला को फांसी दी गई थी*। *संत से लेकर शहीद तक, सभी हमारे पुरखे हैं। इस सत्याग्रह में समाज निर्माण का संकल्प समाहित है*।
आज सत्याग्रह में उपवास पर *रंजू सिंह, अशोक मानव, ज्योति देहरिया, मैनब बानो, राम लग़न पांडे एवं जोखन सिंह यादव* के अलावा उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, सर्व सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ सुगन बरठ, सर्व सेवा संघ के मंत्री अरविंद कुशवाह एवं अरविंद अंजुम, महाराष्ट्र सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रमेश दाने एवं महामंत्री चंद्रकांत चौधरी, संजय जोशी, पुष्पा ताई अजबे, निर्मला शर्मा, नेहा शर्मा, कर्नाटक के डॉ वी प्रशांता, जागृति राही, डॉ गोरखनाथ, मिथिलेश दुबे,अनूप श्रमिक, तारकेश्वर सिंह, किसान यूनियन के लक्ष्मण प्रसाद, स्वराज अभियान के अहमद अंसारी, अफलातून, दीपक मालवीय, सुरेश भाई, चतुरानन ओझा, किशोरी भाई, विजय शंकर पांडे, सुभाष यादव, रामकुमार भारती,आशा राय, संध्या सिंह, निहाल गांधी, मल्लिकार्जुन, जगदीशशन आदि शामिल थे।