---Advertisement---

उत्तर प्रदेश में चुनाव कर्मियों की मौत प्रशासनिक लापरवाही एवं कुप्रबंधन का दुष्परिणाम – दारापुरी

By Md.shamim Ansari

Published on:

---Advertisement---

● चुनाव आयोग बताएं कि इतने ज्यादा चरणों और जानलेवा गर्मी में क्यों कराएं चुनाव

लखनऊ। “उत्तर प्रदेश में कल तक 28 चुनाव कर्मियों की मौत हो चुकी है, जिसमें बड़ी संख्या में अल्प वेतन पाने वाले होमगार्ड शामिल है। इस पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने इसे प्रशासनिक लापरवाही एवं कुप्रबंधन का परिणाम बताया है। प्रेस को जारी बयान में उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उसे देश को बताना चाहिए की इतनी भीषण और जानलेवा गर्मी में सात चरणों तक आम चुनाव को चलाने का क्या औचित्य है और क्या यह सत्ताधारी दल को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं है। मांग की कि मतगणना के लिए अभी से पेयजल, कूलर, ओआरएस आदि की समुचित व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर की जाए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान लोकसभा चुनाव अब तक का सबसे लंबा एवं सबसे अधिक चरणों वाला चुनाव रहा है। यह 19 मार्च से शुरू होकर 4 जून तक 80 दिन चलने वाला चुनाव है। गौरतलब है कि अप्रैल, मई तथा जून ही सबसे अधिक गर्म रहने वाले महीने हैं जिनमें सामान्य तौर पर भी लू व हीट स्ट्रोक आदि लगने से बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। इतनी भीषण गर्मी में चुनाव करवाना जनता पर अत्याचार है।
इस संबंध में उन्होंने कहा है कि 2014 से पहले चुनाव के चरणों की संख्या 3 या 4 से अधिक नहीं होती थी और विभिन्न चरणों के बीच 3-4 दिन से अधिक का समय नहीं रहता था। अब चरणों की संख्या 7 और उनके बीच का समय 7 से 8 दिन तक का रखा गया है। अब जब ड्यूटी हेतु फोर्सेज की उपलब्धता एवं गतिशीलता बढ़ गई है और ड्यूटी आदि लगाने का काम कंप्यूटर से तेजी हो जाता है तो चरणों की संख्या इतनी अधिक रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने आगे कहा है कि 80 दिन तक चुनाव चलाना न तो जनहित में है और न ही देश हित में। क्योंकि इतनी लंबी अवधि तक देश की एक बड़ी आबादी के चुनाव में व्यस्त रहने से कितने मानव घंटे बर्बाद होते हैं और उत्पादन की हानि होती है। इतने लंबे चुनाव में राजनीतिक पार्टियां अथवा चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति अरबों खर्च करते हैं जो कि कई प्रकार के भ्रष्टाचार तथा कुप्रथाओं को जन्म देता है। यह विचारणीय है कि जब विदेशों में एक दिन में चुनाव सम्पन्न हो सकता है तो देश के डिजिटल हो जाने का दावा करने वाली सरकार/ चुनाव आयोग इसे कम से कम समय में सपन्न क्यों नहीं करवा सकता।
आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों, बुद्धिजीवियों एवं चुनाव सुधार की मांग करने वाले संगठनों एवं व्यक्तियों से अनुरोध किया कि चुनाव प्रक्रिया को सरल, अल्पावधि वाला एवं कम खर्चीला बनाने की मांग उठाने पर विचार करें। चुनाव आयोग से भी अनुरोध किया गया है कि वह भी चुनाव प्रक्रिया को अधिक सरल, सूक्ष्म एवं कम खर्चीला बनाने हेतु पहल करे।

Md.shamim Ansari

मु शमीम अंसारी कृषि स्नातकोत्तर (प्रसार शिक्षा/जर्नलिज्म) इलाहाबाद विश्वविद्यालय (उ.प्र.)

---Advertisement---
Follow On WhatsApp
Follow On Telegram
BREAKING NEWS
मामलों के निस्तारण में लापरवाही कत्तई बर्दाश्त नहीं-एसडीएम निखिल यादव कासगंज अधिवक्ता की हत्या के विरोध में सिविल एवं दुद्धी बार ने किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन नदी में मिला वृद्ध का शव लाखों की नकदी व जेवरात पर चोरों ने किया हाथ साफ उपकोषागार को दुद्धी में वापस लाने के लिए स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री को सौंपा ज्ञापन 3 लाख के चोरी के मोबाइल के साथ आरोपी को अनपरा पुलिस ने किया गिरफ्तार कैलाश पनिका बने सपा अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय सचिव हरतालिका तीज पर विधि विधान पूर्वक कथा सुन महिलाओं ने व्रत का किया समापन मासूम बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास में नाबालिक युवक पर केश दर्ज मासूम बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास में नाबालिक युवक पर केश दर्ज
Download App