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सिंडिकेट बनाकर खनन क्षेत्रो मे महंगे दामों पर बेची जा रही गिट्टी के परमिट

By Ramjiyawan Gupta

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गुरमा/सोनभद्र (ओम प्रकाश गुप्ता) खनन बेल्ट में गिट्टी के लिए मिलने वाली परमिट की कीमतों में भारी इजाफा से ट्रांसपोर्टरों को चौंका कर रख दिया है। सरकारी राजस्व को चूना लगाने के साथ ही बिल्डिंग मैटेरियल के दामों में भारी वृद्धि कर देने वाले ऐसे संवेदनशील मसले पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ जिला प्रशासन मौन है खनन विभाग की चुप्पी और बगैर किसी छानबीन के चंद लोगों को थोक के भाव में थमाए जा रहे परमिट के पन्नों को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे है।वहीं, बढ़ती परमिट के कीमतों के चलते गिट्टी लोडिंग के लिए आने वाली ट्रको की संख्या में भारी कमी आई है, पत्थर खदान संचालकों में बेचैनी की स्थिति पैदा कर दी है। बताते चले की गिट्टी के ट्रको के परिवहन हेतु मिलने वाले फार्म सी परमिट की रायल्टी की कीमते 180 से 250 रूपये अधिकतम निर्धारित था। जिसे अब धड़ल्ले से भारी बढ़ोत्तरी कर 18,00 रूपये प्रति धनमीटर के दर पर बिक्री की जा रही है। मात्र परमिट का रेट 18,00 प्रति धनमीटर होने से गिट्टी के भाव लगभग दोगुने कीमते हो गयी है। वर्तमान समय मे गिट्टी के दाम प्रति सौ फिट तकरीबन 3,000 रूपए है। यदि कोई ट्रक 1,000 फीट गिट्टी लादे तो गिट्टी की कीमत 30,000 हजार रूपए देनी होगी,1000 फिट गिट्टी लोड करने पर तकरीबन 28 धनमीटर की परमिट की कीमत लगभग 50,000 देने पड़ेगे, टोटल 1,000 फिट गिट्टी लेने पर मौके पर लगभग 80,000 रूपये की क्रशर प्लांट को देने पड़ेंगे। पुर्व वर्ष मे रेट की बात करे तो वही परमिट 480 से 500 रूपए प्रति घनमीटर बेची जा रही थी, वर्ष 2024 से जिस तरह से परमिट के कालाबाजारी का खेल खेला जाने लगा है।180 से 250 रुपए प्रति धनमीटर मिलने वाली परमिट की कीमत बढ़ाकर प्रति धन मीटर 18,00 रूपये पहुंच गयी है।अब ट्रांसपोर्टर और खदान संचालन से जुड़े लोग विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल के जरिए डीएम महोदय से सीएम महोदय तक राहत की गुहार लगाने लगे हैं।अब परमिट कालाबाजारी पर किस तरह का एक्शन लिया जाता है सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।इसका सीधा असर बिल्डिंग मैटेरियल की कीमतों पर पड़ेगा। जिस तरह से पिछले करीब एक साल से परमिट माफियाओं के नये पैतरे सामने आ रहे हैं उसे फिलहाल कोई बड़ी राहत मिलती नहीं दिख रही। जिससे कारण सोनभद्र की गिट्टी मे एमपी की परमिट का उपयोग हो रहा है। खनन विभाग ने मध्य प्रदेश की परमिट पर रोक लगाने के लिए कमर कस ली है मध्य प्रदेश की परमिट के साथ गिट्टी परिवहन करते हुए पकड़े जाने पर तेजी से राजस्व चोरी के मुकदमे विभिन्न थानो मे दर्ज कराकर ट्रक संचालक एंव चालको पर मुकदमे दर्ज कराकर जेल भेजा जा रहा है ताकी एमपी की परमिट सोनभद्र की गिट्टी परिवहन ना हो। मजबूर होकर ट्रांसपोर्ट सोनभद्र की महंगे दामो पर परमिट खरीदने के लिए विवश है।जिससे ट्रक संचालको का पलायन दुसरे राज्यो की तरफ होने लगा है। वही ट्रक संचालको एंव ट्रांसपोर्टरो का कहना है की सोनभद्र मे अवैध खनन का केन्द्र बिन्दु बनने के साथ परमिट की कालाबाजारी से खनन क्षेत्र मे हडकंप मचा दिया है जिससे गिट्टी के दाम आसमान छू रहा है इसकी उच्चस्तरीय जाँच अथवा सीबीआई जांच होनी चाहिए जिससे दुध का दुध पानी का पानी हो सके। इस संबध मे ज्येष्ठ खान अधिकारी सोनभद्र का पक्ष जानना चाहा तो उन्होने फोन रिसीव नही किया।

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