लाह विलुप्त,अन्य जीव जंतु पेड़ पौधे भी विलुप्ति के कगार पर
आई आई टी कानपुर के शोध छात्रों के साथ युवाओं की परिचर्चा
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
म्योरपुर ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित सामाजिक संस्थान बनवासी सेवा आश्रम के अतिथि गृह में मंगलवार को आई आई टी कानपुर के शोध छात्र छात्राओं और क्षेत्र के युवाओं के साथ मौसम परिवर्तन,बेरोजगारी,प्रदूषण, को लेकर परिचर्चा का आयोजन किया गया।जिसमे युवाओं ने क्षेत्र की खुल कर क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की और बताया कि सिंगरौली परिक्षेत्र में काश कर युवाओं,किसानों और आम जन बदलते मौसम और बेतहाशा पर्यावरण प्रदूषण के चपेट में आकर खेती से मुंह मोड़ कर पलायन के लिए मजबूर हो रहे है।सविता गोंड, सुशीला ,श्यामसुंदर, गूंजा, आदि ने बताया कि औद्योगिक प्रदूषण से क्षेत्र का हवा, पानी दूषित हो रहा है।लोग किडनी,फेफड़ा,पेट और हड्डियों में फ्लोरोसिस के असर से परेशान है लेकिन समुचित इलाज नहीं मिल पाता,रासायनिक खाद के प्रयोग का भी असर देखा जा रहा है। आत्महत्याएं,और शुगर बीपी की समस्या बढ़ी है।बांझपन ,स्क्रीन डिजिट, से लोग परेशान है रामाशंकर, संतोष यादव,मनोज यादव, सूरज कुमार ,राय सिंह ने बताया कि प्रदूषण और मौसम में आ रहे बदलाव से अरहर उर्द तिल के साथ फलों पर ज्यादा असर देखा जा रहा है। लाख और जड़ी बूटी,जीव जंतु विलुप्त हो रहे है ।असमय वारिश से फसल चक्र प्रभावित हुआ है और उत्पादन घटा है।लगत ज्यादा और आय कम होने से युवाओं में पलायन बढ़ा है और बेरोजगारी चरम पर पहुंच रहा है। युवाओं ने हर घर नल जल योजना के लिए जलाशय का पानी आपूर्ति पर भी सवाल उठाया और कहा कि पारा को फिल्टर कैसे किया जाएगा। जबकि जलाशय में पारा की मात्रा कही कही सौ गुना ज्यादा है ।सरकार प्रदूषण और स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है। युवाओं ने क्षेत्र में कुटीर उद्योग,स्थानीय संसाधनों के आधार पर रोजगार सृजन की बात कही ।मौके पर सत्यम दास,शिल्पी, प्रियंका शर्मा, सहित दर्जन भर गावो के दर्जनों युवाओं ने अपनी बात शोध छात्रों के सामने रखी।