हुजूर इमामे मिल्लत के मुरीदों में कादरिया सिलसिले वालों की उमड़ी भीड़
दुद्धी, सोनभद्र। पीरान-ए-पीर दस्तगीर हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी गौस-ए-पाक की ग्यारहवीं शरीफ अकीदत और खुलूस के साथ मनाई गई। 11वीं शरीफ की पूर्व संध्या पर नगर की जामा मस्जिद सहित आसपास के क्षेत्र की मस्जिदों में सोमवार की रात जश्ने गैसुलवरा की महफिल सजाकर बड़े पीर के नाम से मशहूर अब्दुल कादिर जिलानी के बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। फातिहाख्वानी के बाद मुल्क में अमन चैन की दुआएं मांगी गई।
मुस्लिम धर्मगुरु सैय्यद असगर इमाम कादरी ने अपनी रूहानी तकरीर में बताया कि अल्लाह ने पीरान-ए-पीर दस्तगीर हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी गौस-ए-पाक को वलियों का सरदार होने का मुकाम अता किया है। उनकी जीवनी पर विस्तृत रूप से तकरीर करते हुए उनके बताए रास्तों पर चलने का आह्वान किया। अंत में उन्होंने ये दिल, ये जिगर है, ये आँखें, ये सर है, जहां चाहो रखो कदम ग़ौसे आजम जैसे मनकबत के साथ सलातो सलाम के लिए खड़े हो गए। इसके पूर्व उनके साहबजादे सैय्यद अहमद कादरी अजहरी ने सरकार गौस पाक की तकरीर कर लोगों को सिराते मुस्तकीम पर चलने का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज जहांगीर साहब द्वारा कुरान शरीफ की तिलावत से की गई। मौलाना महताब आलम, मु.रिजवानुद्दीन, मोबिनुलहुदा, मु.युनुस खान, मु.फैज कादरी गयाबी सहित अन्य लोगों ने नात व मनकबत पेश कर लोगों को इस्लामी रंग में सराबोर रखा। जश्ने महफिल का संचालन हाफिज रेजाउल मुस्तफा ने किया। इस अवसर पर कल्लन खान सदर, पेशीमाम हाफिज सईद अनवर, हाजी सैयद फैजुल्लाह, कलीमुल्लाह खान, फतेह मुहम्मद खान, रिजवान सिद्दीकी, मु.सरफराज आलम, मु. आसिफ खान, हाफिजुर्रहमान, शर्फु खान, फिरोज आलम सहित सैकड़ों अकीदतमंद उपस्थित थे।