महिलाओं को कलम की ताकत को समझना होगा-प्रतिभा सूर्या सिंह उरैती
दुद्धी।(मदन मोहन तिवारी) स्थानीय कस्बे से सटे महारानी दुर्गावती स्थल पर मंगलवार को महारानी दुर्गावती बलिदान दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। सबसे पहले आदि बड़ा देव, बावनगढ़, सतावन परगना के देवी देवताओं का आह्वान कर सेवा जोहार गोंडवाना संस्कृति से पूजा अर्चना किया गया। मुख्य धर्माचार्य सुखई सिंह पोया, रामनाथ व अनिल पोया के द्वारा मुख्य यजमान वरिष्ठ आयोग उपाध्यक्ष जीत सिंह खरवार व संजय कुमार गौड़ धुर्वे के द्वारा सम्पन्न हुई। मुख्य अतिथि जीतसिंह खरवार ने कहा कि आदिवासी छात्रों को शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार से कन्या विद्यालय के लिए मांग कर पूरा कराने का काम करेंगे। सोनभद्र जिला आदिवासियों का इतिहास है। बिरसा मुंडा जी का मूर्ति का स्थापना करेंगे।
विशिष्ट अतिथि संजय गोंड़ धुर्वे व प्रतिभा सूर्या सिंह उरैती वाराणसी ने कहा कि महिलाओं को कमल की ताकत को समझना चाहिए। शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन वर्षीय बालक को गोद में लिए विधवा होकर वीरांगना होकर अपनी सम्राज्य की सुरक्षा की| वीरांगना दुर्गावती ने अपना चरित्र आचरण के साथ समझौता नही किया। आदिवासी परिवार से उम्मीद करती हूं कि आने वाले पीढ़ियों को मूल रूप से शिक्षा देने का काम करें। आज हमारे देश में आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। हमे इन महिलाओं से सीखने की जरूरत है।
ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राजन चौधरी, प्रधान प्रतिनिधि निरंजन जायसवाल, मनोज सिंह बबलू, मीरा सिंह गोंड़, रामसूरत सिंह नेटी ने अपनी सभ्यता संस्कृति की रक्षा करते हुए अपने बच्चों को पढ़ाना हैं ताकि वह अपने हक व अधिकार के लिए लड़ सके। उन्होंने कहाँ कि आज के समय में शिक्षा महत्वपूर्ण हैं इसलिए आप भले बनी मजदूरी करें लेकिन अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजें। उन्होंने कहाँ कि हम सब लोगों को महारानी दुर्गावती से सीखना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक व संचालन फौजदार सिंह परस्ते ने किया। इस मौके पर रामफल पोया, हीरामणि सिंह, रामशरण, भकोषन पनिका, चंद्रमणि, दीपक सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।