दुद्धी, सोनभद्र। तहसील सभागार में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त रुप से
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में साप्ताहिक कार्यक्रम में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला न्यायाधीश सत्य जीत पाठक ने कहा कि महिलाओं में महिलाओं के सम्मान के लिए यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की जानकारी देते हुए कहा कि कानून में पुरुषों की भांति महिलाओं को भी बराबर के अधिकार दिये हैं। इसके अलावा भी महिलाओं के लिए अलग से भी कई कानून बनाये गये है महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। वही तहसीलदार बृजेश मिश्रा ने कहा कि कई लोग बेटी को घर का बोझ समझते है जो गलत धारणा है, बेटी बोझ नहीं है बल्कि वह पीहर में रहकर भी अपना घर रोशन करती है और ससुराल में जाकर भी अपना घर रोशन रोशन करती है। इस तरह से बेटी दो घरों को रोशन करने का कार्य करती है। साधना मिश्रा ( डी०सी० प्रोबेशन संचालक ) ने उपस्थित महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन की जानकारी प्रदान करते हुए उनसे आह्वान किया कि वे बेटी व बेटे में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करें और बेटे की भांति बेटी को भी समान शिक्षा, खान-पान सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाये। खंड विकास अधिकारी नीरज कुमार तिवारी ने भी संबोधित में बोला कि आज महिलाएं सभी क्षेत्रों में पुरूषों के समान ही कदमताल कर रही हैं, क्योंकि संविधान स्त्री एवं पुरूष दोनों को एक समान अधिकार प्रदान करता है।इस अवसर पर , कंचन सिन्हा, दुद्धी महिला थाना प्रभारी सविता सरोज, मो० तारिक, पीएलवी, अजय, ओम प्रकाश कुमार, पुनीत चौबे संग सैकड़ों महिलाएं उपस्थित रही।