अनपरा/सोनभद्र अनपरा के धरती पर पहली बार पहुंचे भारतीय सेवा के कारगिल युद्ध के नायक परमवीर चक्र विजेता जीवित सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव।मंगलवार को होटल श्री राम इंटरनेशनल में राष्ट्रीय सहारा के पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा- भारतीय सेना के तीनों अंग जल थल वायु में भगवान शिव के त्रिशूल की ताकत है। जिसे दुश्मन भी हार मानते हैं व थर – थर कापते है।उन्होंने कहा लड़ाई के तौर तरीके पहले की अपेक्षा काफी बदल गई है, आज की सेना आधुनिक अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित है। नए टेक्नोलाजी के साथ युद्ध मैदान में उतर गई है ।पहले जो सेना में जाते थे भारत मां का लाल बार्डर पर जान के बाजी लगाकर देश की आन बान शान की रक्षा करने को आतुर थे। उनमें कुछ जुनून सवार होता था इसीलिए किसी भी फौजी को जब बार्डर पर मौत होती थी तो सीने में गोली खाते थे, इसका उदाहरण देखना है तो किसी शहीद सैनिक के जब वीरगति प्राप्त होता था,बार्डर से, तिरंगा के साथ कफन उठाकर देख लेना। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा अग्नि वीर योजना सरकार एवं राजनीतिक प्रश्न है फिर भी अग्नि वीर योजना देश के सेना के हित में नहीं है। उन्होंने सेवा के युद्ध से लेकर वर्तमान परिस्थितियों में युवा को तमाम प्रेरणा लेकर देश सेवा में लगने की बात कही।
अनपरा मे परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव के बोल शिव के त्रिशूल के ताकत है तीनों सेना के अंग
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