गोपाष्टमी पर गायों की पूजा, गोशाला में मनाया गोपाष्टमी
चोपन/सोनभद्र (गुड्डु मिश्रा) गोपाष्टमी के अवसर पर चोपन गांव स्थित वृहद गौ संरक्षण केंद्र में गोपाष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज गोपाष्टमी के उपलक्ष में प्रदेश सरकार के निर्देश पर सभी गौशाला में गौ माता की पूजा करने का निर्देश दिया गया जिस क्रम में चोपन में स्थित बृहत को संरक्षण केंद्र पर संबंधित कार्यक्रम का आयोजन हुआ इस दौरान विधि विधान से गौ माता की पूजा आए हुए पुरोहित द्वारा की गई तो गायों को चुनरी ओढ़ाकर पूजा की। इस अवसर पर बछड़ों को हल्दी, चंदन, कुमकुम से तिलक कर माल्यार्पण किया गया। इसके उपरांत गुड़-चना हरा चारा खिलाया गया। सोनभद्र जनपद के चोपन नगर स्थित कस्बे के वृहद गौ संरक्षण केंद्र के पंचू राम ने बताया की सुबह से ही श्रद्धालुओं ने गोशाला में पहुंचकर गो माता की पूजा अर्चना की।
इस दौरान सरकार से मिले निर्देश के अनुसार सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए ,गोपाष्टमी पर गायों की पूजा करने से सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन गाय और गाय के बछड़े की भी पूजा करनी चाहिए। गोपाष्टमी पर गो पूजन करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। गोपाष्टमी पर सुबह गाय को शुद्ध जल से स्नान कराना चाहिए और इसके बाद फूल-माला वस्त्र पहनाकर रोली-चंदन का तिलक लगाना चाहिए।
गोपाष्टमी के शुभ दिन पर साधक भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। लोग इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों की भी पूजा करते हैं और उन्हें घंटियों और कपड़ों से सजाते हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए गौशाला प्रभारी पांचू राम ने बताया कि हमारे यहां गौशाला में कुल गायों की संख्या तकरीबन 150 है जिन्हें पूरे वर्ष भर सरकार द्वारा मिल रही सुविधाओं के आधार पर चारा पानी इत्यादि आवश्यक प्रबंध किए जाते है। उनके खान पान के अतिरिक्त चिकित्सा व्यवस्था भी समयनसमय पर आवश्यकता अनुसार दी जाती है वही गोपाष्टमी पर आए हुए पुरोहित द्वारा बताया गया कि हमारे धर्मशास्त्र में गायों की पूजा का एक विशेष महत्व है गायों की पूजा करने मात्र से ही मान्यता है कि सभी प्रकार के देवी देवताओं का पूजा संपन्न माना जाता है आज के दिन इसका विशेष महत्व भी है।