महिलाओं ने डूबते हुए सूर्य को दिया अर्घ्य
दुद्धी। (मदनमोहन तिवारी) चैती छठ पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जा रहा है। वृहस्पतिवार को शिवा जी तालाब पर स्थानीय क्षेत्रवासियों ने शाम के समय भगवान सूर्य को पश्चिम दिशा में पहुँचते ही व्रती महिलाएं और पुरुष अपने कमर तक जल में खड़े होकर सूर्यदेव भगवान को अर्घ्य दिया। साथ ही लोग अपने हाथ में सूप लेने के साथ, लाल-पीली साड़ी पहनकर, अपने बाल खुले रखकर, मांग से नाक तक सिंदूर लगाकर खड़े रहे। चैत्र छठ का पर्व मनाया जा रहा है।
आस्था का महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र और कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाई जाती है। इसे छोटी छठ कहते हैं। इस साल चैती छठ वृहस्पतिवार को पड़ा। इस अवसर पर महिलाओं ने पति और बच्चों की सलामती के लिए व्रत रखा है। इसमें भी बड़ छठ पर्व की तरह ही नियम होते हैं। शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाएगा। पुराणों में मां दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी देवी को भी छठ माता का ही रूप माना जाता है। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा घाट पर साफ सफाई के साथ अन्य सुविधाओं को देने में लगे रहे।