शक्तिनगर/सोनभद्र महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एनटीपीसी कैंपस शक्तिनगर में काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति, प्रो आनंद कुमार त्यागी के संरक्षण एवं एनटीपीसी कैंपस के कार्यकारी निदेशक डा चंद्रशेखर सिंह के निर्देशन में, दिनांक 10 जनवरी को हिंदी विभाग की ओर से ,विश्व हिंदी दिवस ,का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का श्री गणेश ,मनोरमा एवं नेहा के द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई।.उपस्थित लोगो का स्वागत तथा विषय की स्थापना करते हुए, डा मानिक चंद पांडेय ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व में हिंदी ने जो मुकाम तय किया है,वह विशेष महत्वपूर्ण है।
मुख्य वक्ता के रूप में पधारे डा योगेंद्र मिश्रा ने कहा कि ,इस 21 वी शताब्दी के तीसरे दशक में अब हिंदी किसी की मोहताज नहीं रह गई है ।जैसे-जैसे देश की राजनीतिक ताकत बढ़ी है ,वैसे वैसे साहित्य, संस्कृति ,व्यवसाय, मनोरंजन ,विज्ञापन तथा उद्योग के क्षेत्र में सबसे आगे निकल गई है ।आवश्यकता है अन्य भारतीय भाषाओं को इसके साथ व्यवहार में लाने की।
विशिष्ट वक्ता डा प्रदीप यादव ने कहा कि हिंदी की शब्द संपदा अतुलनीय है ।हिंदी अपनी उस क्षमता से परिपूर्ण है, जिसमें विश्व की संपूर्ण भाषा के शब्दों को समेट लेती है ।आधुनिक परिवेश में हिंदी का प्रचलन व्यवहार में बढ़ी है ।तकनीकी क्षेत्रों के साथ साथ, मोबाइल इत्यादि के द्वारा हिंदी को एक नया स्वरूप प्राप्त हुआ है। हिंदी का विकास निरंतर ऊंचाई को प्राप्त कर रहा है।
डाक्टर छोटेलाल का कहना था कि हिंदी पत्रकारिता ने पूरी दुनिया में हिंदी को एक नया शुरू प्रदान किया है विश्व के अनेक देशों में अमेरिका सूरीनाम बाईसा मारीशस त्रिनिडाड के साथ-साथ विश्व में कई विश्वविद्यालयों में हिंदी का अध्यापन भी जोरों से चल रहा है हिंदी एक ऐसी भाषा है , जो इस समय चीनी भाषा मंदार न, से भी अब प्रचलन में आगे है। अन्य वक्ताओं में सुनीता कुमारी शर्मा ,माला कुमारी ,ममता कुमारी, आर्या चौबे, मुस्कान इत्यादि ने भी विचार व्यक्त किए।
इस आयोजन में डा मनोज कुमार गौतम,डा अविनाश कुमार दुबे, मदन लाल,प्रशांत कुमार श्रीमती ,अजय लक्ष्मी,डा रजनीकांत,डा राम रणवीर सिंह, विशेष सहयोग रहा। इस कार्यक्रम में अमित कुमार ,अजीत गुप्ता, शेखर प्रताप सिंह ,आरती ,काजल प्रीति ,उजाला , प्रिया पांडेय इत्यादि का विशेष सहयोग रहा।यह सूचना जनसंपर्क समन्वयक डा मानिक चंद पांडेय ने दिया।