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दशरथ मांझी को भारत रत्न देने के लिए गया से चली पदयात्रा पहुंची लखनऊ

जनेश्वर मिश्र पार्क पर समाजसेवियों ने किया स्वागत

लखनऊ। दशरथ मांझी की जन्मस्थली बिहार के गया से 5 फरवरी को चली पदयात्रा आज उत्तर प्रदेश के जौनपुर, सुल्तानपुर समेत विभिन्न जनपदों से होते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंची. जहां जनेश्वर मिश्र पार्क पर शहर के तमाम सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इसका स्वागत किया. पदयात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि 22 वर्ष तक लगातार संकल्प के साथ की गई हाड़ तोड़ मेहनत के बल पर दशरथ मांझी ने विशाल पहाड़ को हटाकर सड़क बनाई थी. आज उनके उस कर्मों के कारण राजगीर से लेकर बिहार तक लोगों के सुलभ आवागमन का साधन बन सका. उन्होंने लोगों को पेड़ लगाने, बाल विवाह पर रोक लगाने, दहेज न लेने और समाज में शराब ना पीने जैसे तमाम सामाजिक कार्यों को किया था. दशरथ मांझी का कहना था कि पेड़ लगाने से पर्यावरण की सुरक्षा होगी और आम आदमी एक बेहतर जीवन को पा सकेगा. उनके इन्हीं संकल्पों को समाज के बीच में ले जाने और भारत सरकार से उन्हें भारत रत्न देने की मांग पर यह पदयात्रा चल रही है. जो लखनऊ से संडीला, हरदोई, फर्रुखाबाद होते हुए दिल्ली तक जाएगी. लखनऊ में पदयात्रा का स्वागत करते हुए वनवासी समाज के महत्वपूर्ण नेता हरिराम वनवासी ने कहा कि वनवासी समाज के साथ बड़ा अन्याय हुआ है. उत्तर प्रदेश में उसे अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नहीं किया गया. वनवासी समाज के महापुरुष दशरथ मांझी को सम्मान नहीं मिला. इस पर पदयात्रा द्वारा की गई जागृति का हम अभिनंदन करते हैं. ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि आदिवासी वनवासी समाज को संविधान में मिले हुए अधिकार हासिल नहीं हो सके. जिस जल, जंगल, जमीन को उसने अपनी मेहनत से इंसान के रहने लायक बनाया उससे ही उसे बेदखल किया जा रहा है. भाजपा की सरकार में बनारस में मुसहर, नट, बंजारा आदि जातियों के बेदखली का अभियान चल रहा है. इस समाज में आई जागृति का हम स्वागत करते हैं और पद यात्रियों द्वारा उठाई गई मांगों का समर्थन करते हैं. सामाजिक कार्यकर्ता आलोक ने बिहार से चली यात्रा के यात्रियों के साहस को सलाम करते हुए कहा कि समाज के सबसे कमजोर पायदान पर रहने वाले वनवासी समुदाय के द्वारा सम्मान के लिए चलाया जा रहा यह अभियान अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा का सोत्र बनेगा. पर्यावरणविद चंद्र भूषण तिवारी ने गीतों के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि पेड़ पौधे लड़की के समान है जिनकी सेवा कई कई पीढ़ियों को लाभ देती है पर्यावरण की रक्षा का दशरथ मांझी का संदेश गांव गांव तक पहुंचाया जाएगा. , इसके अलावा कृष्णानंद राय, सागर यादव, रेड ब्रिगेड की नेता उषा वर्मा, तारा आदिवासी समेत तमाम लोगों ने फूल माला पहना कर पदयात्रियों का स्वागत किया और उनके उद्देश्यों को जन जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया. पदयात्रा की अगुवाई सत्येंद्र मांझी कर रहे हैं। साथ में रामबली मांझी, नागेशर, नागेंद्र,सागर मांझी सहित 25 पदयात्री हैं।
भवदीय
आलोक
समाजसेवी, लखनऊ.

Md.shamim Ansari

मु शमीम अंसारी कृषि स्नातकोत्तर (प्रसार शिक्षा/जर्नलिज्म) इलाहाबाद विश्वविद्यालय (उ.प्र.)

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