पर्यावरण मंत्री , वन सचिव और मुख्य मंत्री के निजी सचिव से मिला प्रतिनिधि मंडल
जलाशय में पारा की जांच और टाक्सीलाजिकल लैब निर्माण की रखी मांग
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी का दो सदस्सीय प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को बाबू भवन में पर्यावरण मंत्री डा अरुण सक्सेना ,वन सचिव आशीष तिवारी तथा मुख्यमंत्री आवास पर मुख्य मंत्री के निजी सचिव से मिल कर ज्ञापन सौंपा और रिहंद जलाशय में पारा की अधिकता वाले पानी को हर घर जल नल योजना के लिए आपूर्ति पूर्व उसकी जांच और निराकरण की मांग के साथ एनजीटी के आदेश के छ साल बाद भी टाक्सिलाजिकल लैब का निर्माण ना कराए जाने तथा शक्ति नगर से लेकर तेलबुड़वा के बीच मार्ग किनारे राखड गिराए जाने पर रोक लगाए जाने की मांग रखी ।प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री और सचिवों को अवगत कराया कि 2015 में एनजीटी के कोर कमेटी ने जलाशय के पानी की जांच की थी और पारा की मात्रा मानक 0.001 एम एम से सौ गुना ज्यादा पाया था ।ऐसे में यही पानी साढ़े तीन लाख लोगो तक हर घर नल जल योजना से दिया जाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होगा। साथ ही औधौगिक प्रदूषण से बीमारियो की जांच के लिए लैब का निर्माण कराया जाना जन हित में होगा।प्रदूषण संबंधी बीमारियो की जांच बीएचयू तक बड़े अस्पताल में नही है।क्षेत्र के गरीब आदिवासी पीड़ित जनता जांच के अभाव में दम तोड देती है ।प्रतिनिधि मंडल ने फ्लोराइड की समस्या को लेकर भी मंत्री से वार्ता की। मुख्य मंत्री के निजी सचिव ने कहा कि यह बड़ी समस्या है इसके लिए ऊंच स्तरीय बैठक कर निर्णय लिया जाएगा और हर हाल में समस्या का समाधान किया जाएगा।लैब के निर्माण को लेकर भी पर्यवरण मंत्री डा सक्सेना ने पहल की बात कही।प्रतिनिधि मण्डल में सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के संयोजक रामेश्वर प्रसाद और जगत नारायण विश्वकर्मा शामिल रहे।