सांकेतिक फोटो
दुद्धी, सोनभद्र । एक ओर जहां जिला प्रशासन अवैध खनन के प्रति सख्त है, वहीं हाथीनाला थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाली खोखा बालू साइड पर धड़ल्ले से दिन के उजाले में बालू का अवैध खनन जोरों पर है। खनन माफियाओं के नेटवर्क के आगे प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। शनिवार को जिलाधिकारी के दुद्धी दौरे के दौरान भी दिनभर अवैध बालू खनन व परिवहन का कार्य निर्वाध रूप से जारी रहा। बालू माफियाओं द्वारा नियम को ताक पर रखकर प्रतिदिन की तरह अहले सुबह से अवैध खनन का खेल चलता रहा।
गौरतलब है कि दुद्धी क्षेत्र की नदियों में अवैध खनन से नदी का रुख लगातार बदलती जा रही है। वहीं नदियों से सटे हुए ग्रामीणों के सिर पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। ग्रामीणों में दबंग बालू माफियाओं का इतना भय है कि अवैध बालू उठाने वालों के खिलाफ कोई आवाज तक नहीं उठा पाते है। बालू कारोबारियों के द्वारा निर्धारित लीज से हटकर प्रत्येक दिन नदी से अवैध खनन कर बालू का उठाव किया जाता है। ऐसे में नदी से अवैध बालू उठाव के कारण सरकार को भारी राजस्व की क्षति भी पहुंचती है। बालू के अवैध उत्खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। इसका खामियाजा हमारी आने वाली पीढ़ी भुगतेंगी। इससे जल स्तर कम होता जा रहा है। बालू में पानी को सोखकर जमीन में संग्रहित करने की अत्याधिक क्षमता होती है। जब नदियों में बालू ही नहीं रहेगी तो पानी का अवशोषण कैसे होगा। नदियों में बालू को संरक्षित करना बहुत जरूरी है। अवैध उत्खनन पर रोक लगाकर पर्यावरण की रक्षा करने की जरूरत है । खनन माफिया के कारण नदियों में बने गड्ढे में गिरने व डूबने से कई लोगों की जान चली जाती है।
खोखा बालू साइड पर चल रहे इस व्यापार को राजनीतिक व प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है। गैर राजनीतिक वर्ग कभी इस तरह के काम नहीं करते हैं। अवैध उत्खनन को रोकने के लिए प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही जनता को भी हिम्मत दिखानी होगी। मुठ्ठी भर लोग अपने निजी लाभ के लिए अवैध उत्खनन में लिप्त हैं।