सोनभद्र: (अरविंद गुप्ता )
सोनभद्र नगर स्थित पीडब्ल्यूडी सर्किट हाउस में भगवान श्री परशुराम जयंती आयोजन समिति की बैठक संपन्न हुई बैठक को संबोधित करते हुए समिति के संरक्षक डॉ के एन उपाध्याय ने कहा कि भगवान परशुराम का संपूर्ण जीवन सामाजिक राजनीतिक आर्थिक व्यवस्था सुधार के लिए जाना जाता है भगवान श्री परशुराम जी ने सदैव सामाजिक विरोधी नीतियों, गतिविधियों, एवं व्यवस्थाओं को समाप्त करने का निर्णय लिया और सुव्यवस्थित,सुसुरक्षित समाज निर्माण के लिए अपना संपूर्ण जीवन लगा दीया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षाविद पारसनाथ मिश्र ने कहा कि परशुरामजी का उल्लेख रामायण, महाभारत, भागवत पुराण और कल्कि पुराण इत्यादि अनेक ग्रन्थों में किया गया है। वे धरती पर वैदिक संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना चाहते थे। कहा जाता है कि भारत के अधिकांश ग्राम उन्हीं के द्वारा बसाये गये। जिस मे कोंकण, गोवा एवं केरल का समावेश है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम ने तिर चला कर गुजरात से लेकर केरला तक समुद्र को पिछे धकेल ते हुए नई भूमि का निर्माण किया। और इसी कारण कोंकण, गोवा और केरला मे भगवान परशुराम वंदनीय है। वे भार्गव गोत्र की सबसे आज्ञाकारी सन्तानों में से एक थे, जो सदैव अपने गुरुजनों और माता पिता की आज्ञा का पालन करते थे। वे सदा बड़ों का सम्मान करते थे और कभी भी उनकी अवहेलना नहीं करते थे। उनका भाव इस जीव सृष्टि को इसके प्राकृतिक सौंदर्य सहित जीवन्त बनाये रखना था। वे चाहते थे कि यह सारी सृष्टि पशु पक्षियों, वृक्षों, फल फूल और समूची प्रकृति के लिए जीवन्त रहे। उनका कहना था कि राजा का धर्म वैदिक जीवन का प्रसार करना है नाकि अपनी प्रजा से आज्ञापालन करवाना।उन्हें भार्गव के नाम से भी जाना जाता है।यह भी ज्ञात है कि परशुराम ने अधिकांश विद्याएँ अपनी बाल्यावस्था में ही अपनी माता की शिक्षाओं से सीख ली थीँ (वह शिक्षा जो ८ वर्ष से कम आयु वाले बालको को दी जाती है)। वे पशु-पक्षियों तक की भाषा समझते थे और उनसे बात कर सकते थे। यहाँ तक कि कई खूँख्वार वनैले पशु भी उनके स्पर्श मात्र से ही उनके मित्र बन जाते थे. इसलिए उनके जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करते हुए पढ़ाया जाना आज के लिए अत्यधिक आवश्यक है.
बैठक में गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे व भारती इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रधानाचार्य गणेश देव पांडे ने विचार रखते हुए कहा किभृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को विश्ववन्द्य महाबाहु परशुराम का जन्म हुआ था। वे भगवान विष्णु के उन्नीसवें अवतार है।
बैठक को संबोधित करते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विनोद चौबे व वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज धर द्विवेदी ने कहा कि भगवान परशुराम की संपूर्ण जीवन को यदि देखा जाए तो आज यह महत्वपूर्ण हो गया है कि उनके जीवन पर आधारित कल और आज विषय पर चर्चाएं हो क्योंकि इन्होंने केवल अपना ही नहीं या अपने ही समाज का नहीं बल्कि संपूर्ण समाज के उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु कार्य किए जिसके कारण आज हमारे भगवान श्री परशुराम पूजनीय वंदनीय हैं
बैठक को यतींद्र नाथ उपाध्याय, रमाकांत शुक्ला, मनोज शर्मा, राकेश पांडे, प्रवीण चंद्र पांडे,आनंद त्रिपाठी, अरुण पांडे ने संबोधित करते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है जब हमको एकजुट होकर के समाज हित राष्ट्र हित के बारे में पूरा योगदान देना चाहिए क्योंकि विधर्मीयों,राष्ट्र द्रोहियों, समाज को खंडित करने वाले पापियों ने मिलकर राष्ट्र विरोधी कुचक्र चलाने का प्रयास करना प्रारंभिक किया है.
बैठक में समिति के संरक्षक डॉ केएन उपाध्याय, मार्गदर्शक शिक्षाविद पारसनाथ मिश्र,व
विकास खंड नगवा से विनय पांडे, धीरेंद्र दुबे, श्याम सुंदर पांडे, अशोक पांडे, वीरेंद्र दुबे, रविंद्र कुमार चौबे
विकास खंड चतरा से गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संस्थापक रवि प्रकाश चौबे, शासकीय अधिवक्ता धनंजय शुक्ला, अमरेश चंद्र पांडे, अरुणेश चंद्र पांडे
विकास खंड रावटसगंज से प्रधान सुरेश चंद शुक्ला, राधा रमण त्रिपाठी, चंद्रकांत पांडे, प्रधान सर्वेश तिवारी, मनोज द्विवेदी, विजेंद्र देव पांडे,आराध्य कुमार मिश्र,अनिल कुमार उपाध्याय
विकासखंड कर्मा से अमरेश चंद पाठक,राजेश मिश्रा, डॉक्टर संजय त्रिपाठी,मनीष मिश्रा,अभय कांत दुबे, डॉक्टर मनोज मिश्रा
विकास खंड घोरावल से भारती इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल गणेश पांडे, राज कुमार चौबे, सुनील चौबे, करुणाकर पाठक, सूर्यमणि तिवारी, देवेंद्र पांडे, अरुण पांडे,
विकास खंड चोपन से मनोज चौबे, अनिल तिवारी,सिया शरण त्रिपाठी
विकास खंड दुद्धि से अधिवक्ता मनोज मिश्रा, मनोज तिवारी
विकास खंड म्योरपुर से प्रवीण चंद्र पांडे,मनोज शर्मा, राकेश पांडे
विकास खंड बभनी से राम प्रकाश पांडे,अमर देव पांडे,अरविंद दुबे
सोनभद्र नगर से आनंद त्रिपाठी, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विनोद कुमार चौबे, रमाकांत शुक्ला, राज नारायण तिवारी, यतींद्र नाथ उपाध्याय, कमलेश चौबे, उपस्थित रहे
बैठक का सफल संचालन पंडित आलोक कुमार चतुर्वेदी व पंडित कमलेश कुमार चतुर्वेदीने किया.