नशामुक्त गांव बनाने के संकल्प के साथ किशोर सहजीवन शिविर संपन्न।
गुटका खाने वाले आठ किशोरों ने स्वीकारा अपनी भूल, ना खाने का लिया संकल्प ।
महिलाओ की भागीदारी से ही समानता मूलक समाज बन सकेगा-शुभा बहन।
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
बनवासी सेवा आश्रम गोविन्दपुर के विचित्रा महा कक्ष में आयोजित तीन दिवसीय किशोर किशोरी सहजीवन शिविर युवाओं में नशा जैसी बुराईयों को दूर करने के संकल्प के साथ संपन्न हुआ सभी प्रतिभागियों ने अपने स्तर पर सामाजिक दायित्व शौचालय का प्रयोग, जंगल बचाने और पर्यावरण सरक्षण में सहयोग, सभी बच्चों को स्कूल में जाने के लिए प्रेरित करने कचड़ा प्रबन्धन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, ऐरा प्रथा रोकने के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया शिविर में आठ किशोरों ने स्वीकार किया कि भूल से गलत संगत के कारण गुटका खाने लगे हैं लेकिन आज से कभी किसी प्रकार का नशा नही करेगें। झण्डारोण कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में डां विभा ने किशोरावस्था में खानपान में पोषणयुक्त भोजन की जानकारी दी।
महिला पुरुष समानता पर चर्चा करते हुए शुभा प्रेम ने कहा हमें किशोर किशोरियों दोनों को विचार करना है। किशोरों को भी चाहिए कि गांव के प्रत्येक लड़कियों को अपने बहन के रूप में सम्मान देवें और किशोरियों के पहनावा सादा व सरल हो तभी लोगों का ध्यान हमारे उपर नहीं आयेगा। इससे पहले नीरा बहन के द्वारा “समानता पर स्थित ही समाज हमें चाहिए जितना पुरष मुक्त है स्त्री उतना चाहिए” गीत प्रस्तुत की गयी। नुक्कड़ नाटक के जरिये ग्राम पंचायत अपनी सरकार की जानकारी दी गई
शिविर के अन्त में शिविर संयोजक रामजतन शुक्ला, केवलादूबे, प्रेमदयाल, अशोक कुमार, देवनाथ सिंह व किसमत ने भी अपने सभी दस शिविरों का अनुभव रखा। इस अवसर पर यश्वी पाण्डेय ,सुरेश कुमार, शिवनारायण , जगत नारायण, संगीता, सहित दर्जनों किशोर किशोरियां शामिल रहे