महिला क्रिकेट का भविष्य भी पुरुषों की तरह उज्जवल
पुरानी परंपरा बहाल होने से क्रिकेट प्रेमियों में हर्ष
दुद्धी, सोनभद्र (एम.एस.अंसारी)। भारतीय टीम की नीली जर्सी पहनना जीवन का लक्ष्य है। महिला क्रिकेट के वर्ल्ड कप तक पहुंचना और उसे अपने देश के लिए जितना हमारा ख्वाब है। उक्त स्वीकारोक्ति सोनभद्र की धरती दुद्धी में खेलने आईं मध्य प्रदेश महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ियों का है। दैनिक भाष्कर से खास बातचीत के दौरान गर्ल्स क्रिकेटरों ने कहा कि हमने राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न जगहों पर क्रिकेट खेले और दर्शकों का पूरा सम्मान वह प्यार पाया है।
34 वर्षीय एमपी टीम की रहनुमाई करने वाली कप्तान हरि प्रिया डिवीजनल खिलाड़ी ने कहा कि मैं खेलने के साथ-साथ नामी-गिरामी महिला मैचों में हजारों दर्शकों के बीच बिना झिझक और नर्वस हुए निष्पक्ष अंपायरिंग की महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हूं। मेरे इस कार्यप्रणाली की सर्वत्र सराहना होती है तो मुझे भी अपार खुशी होती है। विगत 12 वर्षों से मैं क्रिकेट खेल रहीं हूं। क्रिकेट खेल के प्रति लड़कियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें अच्छा प्लेयर बनाने में रुचि रखती हूं।
15 वर्षीय जाह्नवी राजपूत ने कहा कि उम्र में कम, देखने में शरीर से हल्के व नम हुए तो क्या हुआ, मेरे हौसले तो बुलंद हैं। अभी अंडर 15 बोर्ड ट्राफी में जलवा बिखेर कर आई हूं।
21 वर्षीय शांति सिंह कहती हैं कि महिला क्रिकेट का भविष्य भी पुरुष टीम की तरह उज्जवल है जिस दिन लड़कियों की झिझक समाप्त होगी और अभिभावकों का समर्थन मिला उस दिन महिला क्रिकेट के लिए सुनहरा होगा।
19 वर्षीय अंजली यादव ने कहा कि इसके पूर्व मैंने रीवां, इंदौर, ग्वालियर आदि जगहों पर मैच खेलने के कई अवसर मिले हैं।
24 वर्षीय पायल बाल्मीक जिनके पिता तो इस दुनियां में नही हैं मगर माता की प्रेरणा पर क्रिकेट खेल को अपने जीवन का आधार बना चुकी हैं। उनका मानना है कि महिला क्रिकेट के उत्थान और विकास के लिए सरकार द्वारा कोई खास कदम नहीं उठाए गए हैं यदि सरकार पुरुष क्रिकेट की तरह महिला क्रिकेट पर भी ध्यान दे दे तो मेरा दावा है कि आने वाले समय में महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप पर देश का कब्जा होगा।
20 वर्षीय सिंगरौली निवासी अंजली शुक्ला ने कहा कि एमपी से अंडर 19 व ग्वालियर, सहडोल व इंदौर में सीनियर टूर्नामेंट में प्रतिभाग कर चुकी हूं।
17 वर्षीय कक्षा 11 की छात्रा प्रतिमा पांडेय ने बताया कि वो दो बार डिवीजन खेल चुकी हैं।लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं रहीं। अब हर राज्यों में महिला क्रिकेटर तैयार हो रही हैं। अभिभावकों को अपनी लड़कियों के टैलेंट को दबाना नहीं चाहिए बल्कि उसे उनके मनपसंद क्षेत्रों में प्रोत्साहित करना चाहिए, चाहे वह क्रिकेट का खेल हो या अन्य कोई खेल क्षेत्र।
16 वर्षीय वृद्धि कुमारी ने कहा कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कमजोर नहीं है कई जगहों पर मैंने मैच खेले हैं किंतु दुद्धी जैसा सम्मान दर्शकों का समर्थन मैनेजमेंट की व्यवस्था और ग्राउंड की सुंदरता कम ही देखने को मिलती है मिताली राज जैसी नेशनल खिलाड़ी हमारे आदर्श हैं देश के गिने-चुने शीर्ष खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज कराना हमारा लक्ष्य होगा।
20 वर्षीय निगाही निवासी सरस्वती वर्मा सहित अन्य महिला क्रिकेटर सोनभद्र की धरती दुद्धी के खेल मैदान पर पहली बार खेलने के लिए बड़ी ही उत्साहित और खुशी से लबरेज दिखीं। लगभग 10 हजार दर्शकों की भीड़ और खेल के दरमियान अच्छे शाट व क्षेत्ररक्षण पर मिल रहे दर्शकों का समर्थन और उनका जज्बा उनका प्यार उनके जज्बे को दुगना करता रहा। महिला के खिलाड़ियों ने कहा कि टूर्नामेंट आयोजन समिति जब भी मुझे खेल के लिए आमंत्रित करेगी हम लोग अन्य स्थानों का मैच स्थगित कर देंगे लेकिन यहां का मैच कभी मिस नहीं करेंगे।