सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम सम्पन्न
दुद्धी, सोनभद्र। विद्या भारती से सम्बद्ध एवं भाऊ राव देवरस शिक्षा समिती सोनभद्र के तत्वावधान में सोमवार की शाम स्थानीय महावीर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में वार्षिकोत्सव एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में बच्चों द्वारा शानदार प्रस्तुति की गई। बच्चों की आकर्षक प्रस्तुति ने अतिथियों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर धूप अगरबत्ती जलाकर तथा पुष्प अर्पित कर किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्लॉक प्रमुख दुद्धी रंजना मणि चौधरी रहीं जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में तहसीलदार दुद्धी ज्ञानेंद्र कुमार यादव तथा प्राचार्य नीलांजन मजूमदार एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार, एसबीआई मैनेजर प्रेम प्रकाश रहे। मुख्य वक्ता प्रदेश निरीक्षक राज बहादुर दीक्षित रहे।
कार्यक्रम के दौरान विद्या भारती द्वारा आयोजित संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सफल परीक्षार्थियों को प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि दुद्धी ब्लॉक प्रमुख रंजना मणि चौधरी ने कहा कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं और विद्या भारती भारत की सभ्यता और संस्कृति पर आधारित शिक्षा के लिए जानी जाती हैं। सरस्वती शिशु मंदिर की लगन और मेहनत के बदौलत यहां के बच्चों में संस्कार आज भी देखने को मिलते हैं।
विशिष्ट अतिथि तहसीलदार ज्ञानेंद्र कुमार यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के बच्चों का संस्कार काबिले तारीफ़ है। आज जहाँ लोग मॉर्डन युग में अंग्रेजी के तरफ भाग रहे हैं वहीं विद्या भारती अपनी सभ्यता और संस्कृति को संजोए हुए हैं जो देशहित में है। बच्चों को सभ्यता और संस्कृति की शिक्षा ही महत्वपूर्ण शिक्षा हैं।बता दें कि तहसीलदार की बिटिया दुद्धी सरकारी स्कूल में पढ़ती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता चेयरमैन राजकुमार अग्रहरि ने किया। संचालन कमलेश ने किया। इस दौरान मनोज मिश्रा, सोना बच्चा अग्रहरि, वीरेन्द्र सिंह सम्भाग निरीक्षक काशी, जितेंद्र तिवारी, श्री प्रकाश चन्द्र प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक, अनिल कुमार तिवारी प्रधानाचार्य, डॉ के के चौरसिया, बालेश्वर चौरसिया, नन्दलाल, प्रेमचंद यादव, प्रकाशचंद्र मिश्र प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज नियामताबाद, जितेन्द्र तिवारी प्रधानाचार्य राजू, भगवानदास, काजल, बबिता, दीपांजलि सहित अन्य आचार्य एवं आचार्या मौजूद रहे।