सोन संगम शक्तिनगर के तरफ से नव संवत्सर के अभिनंदन में किया गया आयोजन
शक्तिनगर/सोनभद्र सोन संगम शक्तिनगर के तरफ से नव संवत्सर के अभिनंदन में किया गया आयोजन। वरिष्ठ कवि माहिर मिर्जापुरी को उनके जन्मदिन पर किया गया सम्मानित।
साहित्यिक ,सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था सोन संगम की ओर से नव वर्ष के आगमन के अवसर पर विश्व कल्याण की कामना से काव्य संध्या का आयोजन किया गया। आयोजन की उपादेयता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ मानिक चंद पांडेय ने कहा कि ,आज का यह आयोजन कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण है ।जहां एक ओर नव वर्ष का चारो ओर स्वागत किया जा रहा, वहीं दूसरी ओर पवित्र नवरात्र भी चल रहा है, जो विश्व कल्याण के मूल को अपने में समेटे हुये है।
काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के प्रारंभ में, श्री रमाकांत पांडे ने भगवती की स्तुति कुछ इस रूप में किया
नवरात्र में आ के माई,
सब के ज्ञान करा द ।
सबक हमके सीखा द
काव्य संध्या को एक अभिनव स्वरूप प्रदान करते हुए माहिर मिर्जापुरी ने कुछ अपनी मन की बात इन पंक्तियों में अभिव्यक्त किया
मेरा बचपन मेरी जवानी,
न जाने कहां अतीत में खो गए ।
रफ्ता रफ्ता हम जीवन पथ पर चलते हुए,
आज हम छिहत्तर के हो गए ।
आज के समाज में तेजी से होते परिवर्तन एवं व्याप्त अजनबी पन को रेखांकित करते हुए बहर बनारसी ने ,अपनी पंक्तियां कुछ इस अंदाज में बयां किया
हम किसी के यहां आते जाते नहीं,
इसीलिए लोग हम को बुलाते नहीं।
नवोदित कवि सरवन ने अपनी भावना को कुछ इस रूप में प्रस्तुत किया
अरमान तुम्हारा तब भी था, अरमान तुम्हारा अब भी है। संगोष्ठी का संचालन कर रहे ,डा योगेंद्र मिश्र ने अपने अंदाज में, कई छोटी छोटी समसामयिक कविताएं प्रस्तुत किया।उनकी कविता हवा ही हवा है ,हुआ कुछ नहीं है, उपस्थित लोगों द्वारा अत्यधिक पसंद की गई ।अतिथियों का स्वागत, सोन संगम के कार्यकारी अध्यक्ष श्री उमेश चंद्र जायसवाल के द्वारा किया गया ।इसी क्रम में श्री माहिर मिर्जापुरी को उनके जन्मदिन के अवसर पर, उत्तरीय तथा पुष्पहार पहनाकर सम्मानित किया गया तथा, उनके शतायु होने की कामना की गई ।इस कार्यक्रम में सीताराम, मुकेश, उपेंद्र गुप्ता,सौरभ मिश्रा, अच्छे लाल यादव इत्यादि के साथ साथ अन्यान्य लोग उपस्थित रहे।