सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा दुनियां का सबसे बड़ा हथियार ,डॉ मीणा
बीएचयू के दो सदस्यीय टीम ने किसानों के आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए किया अध्ययन
म्योरपुर ब्लॉक के बभनडीहा, बलियरी और भलुही के किसानों से की वार्ता
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
म्योरपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत बभनडीहा, बलियरी और राजस्व गांव भलुही में बीएचयू के कृषि वैज्ञानिकों ने मंगलवार को स्थलीय अध्ययन किया और किसानों ,पशुपालको, से वार्ता कर किसानों के आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आवश्यक संसाधनों में आ रही बाधाओं की जानकारी ली। बभनडीहा में आयोजित किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ राम स्वरूप मीणा ने कहा कि किसी भी परिवर्तन के लिए शिक्षा ही दुनिया का सबसे बड़ा हथियार है इसके लिए जरूरी है कि प्राथमिक शिक्षा के जड़ को मजबूत किया जाए और अभिभावक बच्चों और शिक्षकों की निगरानी करें उन्होंने गाँव मे दुधारू गाय बकरी और अच्छे नस्ल की मुर्गी और ,मछली पालन। करने का सुझाव दिया और कहा कि इसके लिए योजनाबद्व तरीके से काम करना होगा। उन्होंने वर्षा जल संरक्षण पर बल देते हुए कहा कि यहां वर्षा बहुत होती है।किसानों उसे रोक कर ववली बन्धी और कुआ में संरक्षित करे तो एक फसल तो आसानी से उगा लेंगे।किसानों ने बताया कि यहां सबसे ज्यादा सिंचाई के साधन की कमी है जिससे हम लोग खेती में प्रगति नहीं कर पा रहे है केवल वर्षा आधारित खेती करते है।जिससे लागत भी नही निकलता है। खेती अच्छी नहीं होती तो दुशारु ,पशु भी नही पालते है। और युवा काम धंधा के लिए पालयन कर जाते है। मौके पर डॉ दिनेश मीणा शिव नारायण ,असर्फी गोंड़, प्रधान संत कुमार,बिरझन,सोमारू,दिलीप आदि किसान उपस्थित रहे।
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विकास के लिए प्रीतिकल जीवन जरूरी
म्योरपुर/बीएचयू के कृषि वैज्ञानिक डॉ राम स्वरूप मीणा ने बताया कि भारत मे लोग प्रेटिकल जीवन नही जीते इसलिए असमानता है। अमेरिका में में एक वर्ष तक सरकार की तरफ से अध्ययन कर लौटे डॉ राम स्वरूप मीणा ने बातचीत में बताया कि वाहा एक स्वीपर की कमाई और प्रोफेसर की कमाई में खाश अंतर नही है। और लोग काम को तहरिज देते है जबकि अपने देश मे सरकारी अधिकारी और जनता भी नेताओ के साथ जुगत लगाते है।यही से भ्र्ष्टाचार की नींव पड़ जाती है। अन्यथा असमानता नही होती।
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