राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बिचारो को गलत तथ्यों से खत्म करने की कोशिश पर ऑनलाइन परिचर्चा
म्योरपुर/सोनभद्र(विकास अग्रहरि)
बनवासी सेवा आश्रम के कार्यकर्ताओं और गांधी विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओ के बीच सोमवार को ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन प्रदीप सिंह के अगुवाई में सम्पन्न हुई जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूल सिद्धांतों और उसके आधार पर सामाजिक जीवन जीने में आ रही अड़चनों को लेकर विचार रखे गए।साथ ही कहा गया कि एक वर्ग आज गांधी के विचारों को तोड़ मरोड़ कर उंन्हे कमतर दिखाने का प्रयास कर रहा है।जो तत्थो से परे है ।सर्व सेवा संघ से जुड़े लेखक और गांधी कार्यकर्ता अरविंद अंजुम ने कहा कि लोग पाकिस्तान बटवारे और भगत सिंह के फाँसी को लेकर गांधी को जिमेवार बताते है।लेकिन ऐसा आरोप लगाने वाले यह नही जानते कि भगत सिंह को फांसी क्यों हुई ?भगत सिंह को फाँसी एक नवनियुक्त अंग्रेज सैनिक की हत्या उनके साथी द्वारा किये जाने और आरोपी के सरकारी गवाह बनने पर हुई। श्री अंजुम ने कहा की बटवारे में गांधी की हामी परिस्थिति जनक थी इससे पहले नहरु और सरदार पटेल ने हामी भर दी थी।लोग 50 करोड़ पाकिस्तान को देने को लेकर भी गांघी पर आरोप लगाते है जबकि बटवारे में वह रकम देना ही था अन्यथा देश की बदनामी होती। महराष्ट्र वर्धा के अविनाश काकड़े ने कहा कि महा मानव के विचार को तोड़ने मरोड़ने से कुछ नही होगा सच्चाई कभी मरती नही है।हमे तय करना है कि हम किस तरह का जीवन जिये कापी नही करना है हमे मूल बिचारो को आधार बनाकर आगे बढ़ना है। मीटिंग में शुभा प्रेम विमल भाई,देवनाथ भाई यज्ञनारायण, रमेश उमेश चौबे, जगत भाई,केवला भाई ,बेचन राम, समेत अन्य लोगो ने प्रतिभाग किया।