सरकार के दावों को चिढ़ाती ये झारखंड छत्तीसगढ़ बॉर्डर से सटे गांव की सड़के
विंढमगंज /सोनभद्र(राम आशीष यादव)।
विंढमगंज थाना से लगभग 18 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ व झारखंड बॉर्डर से सटे नक्सल प्रभावित व दुरुह गांव बरखोहरा में जहां सरकारी योजनाओं जैसे पक्की सड़क इत्यादि ,की धीमी रफ्तार से ग्रामीण वंचित हैं वहीं इस इलाके में पहुंचने के लिए खस्ताहाल व जीर्ण शीर्ण सड़को की वजह से यहां के रहवासियों को थाना, ब्लॉक व तहसील मुख्यालय पर पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करने के साथ साथ पुरा दिन गंवाना पड़ता है गांव मे बने कई सड़के ऐसे हैं जो 15 साल पूर्व पक्की सड़क बनी थी। लेकिन आज स्थिति ये है कि रोड कहा है पहचानना मुश्किल है,15 सालो में सरकारें आई और गई लेकिन इन सड़को की मरम्मत तक नहीं कराई गई। ग्रामीण मनोज यादव, रमेश यादव, राकेश यादव,बबलू चेरो सुरेंद्र कुमार, रामरति गोड़,सुरेंद्र गोड़ महेंद्र प्रसाद, दिनेश गोड़ का कहना है कि गांव के विकास में रोड एक महत्वपूर्ण कड़ी है। रोड सही तरीके से निर्माण होने से ही गांव तक विकास से संबंधित अधिकारियों का आवागमन तथा गांव में कभी-कभार कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा अशांति फैलाने पर प्रशासनिक अमला का दौरा तत्काल हो जाया करता है व हम ग्रामीण भी बिमारियों की हालात में, प्रशासन तक पहुंचने में सहूलियत होती। परंतु रोड की इतनी दुर्दशा हो गई है कि मोटरसाइकिल चलाना भी इस रोड पर खतरे से खाली नहीं है इसलिए इन सड़को का मरम्मत कार्य करा कर सरकार स्मार्ट गांव बनाने में थोड़ी रफ्तार दे सकती है।
बीते एक पखवारा पूर्व आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मतदान केंद्र की समीक्षा व ग्रामीणों में शांति व आपसी सौहार्द बनाए रखने हेतु भारती इंटरमीडिएट कॉलेज में लगे जन चौपाल में पहुंचे एडिशनल एसपी ऑपरेशन राजीव कुमार सिंह को मौजूद ग्रामीणों ने इस रोड व क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से अवगत भी कराया था तथा उनसे रोड की मरम्मत हेतु निवेदन भी किया था जिस पर रोड की मरम्मत संबंधित विभाग के अधिकारियों से जल्द कराने का आश्वासन भी मिला था। परंतु रोड की दयनीय स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि रोड स्वयं में कराह रही है ग्रामीणों ने रोड की मरम्मत की मांग संबंधित अधिकारियों से की है।