लखनऊ में 15 दिनों से रोजगार के लिए भटक रहा अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर
सोनभद्र(राम आशीष यादव)
लगभग 7 वर्षों से रोजगार के लिए भटक रहे जनपद सोनभद्र के अनपरा निवासी लव वर्मा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से रोजगार संबंध में मुलाकात के लिए 15 दिनों से प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भटक रहे हैं किंतु कोई भी सुध लेने वाला नहीं ।
3 दिसम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में राज्य पुरस्कार से लखनऊ में सम्मानित किया था जिससे कि लव वर्मा का मनोबल बढ़ा और उम्मीदें जग गईं कि अब उन्हें रोजगार जल्द मिल जाएगा लेकिन वे अब लगभग 15 दिनों से लखनऊ में ही रोजगार के लिए भटक रहे हैं । अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेटर लव वर्मा ने 2015 में भारत को दिव्यांग एशिया कप विजेता बनाने में प्रमुख भूमिका के साथ 8 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी अपनी प्रतिभा से देश को गौरवांवित किया है । लव वर्मा लखनऊ में लगभग 15 दिनों में 2 कैबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं । जनता दरबार में निजी सचिव, मुख्यमंत्री आवास पर कई बार फोन करके मुख्यमंत्री जी से मिलने के लिए प्रयास कर चुके हैं ।
पिछड़ावर्ग कल्याण दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर, विधायी एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक
महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्य मंत्री स्वाती सिंह, समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड से मिलकर अपनी फ़ाइल दे चुके हैं इन सभी मंत्रियों द्वारा आश्वस्त किया गया कि वे ये फ़ाइल मुख्यमंत्री जी को देकर इस संबंध में बात करेंगे । खेल, युवा कल्याण, पंचायती राज राज्य मंत्री उपेंद्र तिवारी से मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि अब दिव्यांग खिलाड़ियों को भी सामान्य खिलाड़ियों की तरह सरकार सुविधाएं देने लगी है । सरकार सामान्य खिलाड़ियों के लिए जो भी सुविधाएं प्रदान करेगा उसमें दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए 2 % आरक्षित करेगा वो भी 2 % में योग्य एवं प्रतिभावान दिव्यांग खिलाड़ी के लिए होगा ।
अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी लव वर्मा ने बताया कि हमारे संविधान में सभी को बराबर का हक दिया गया है, सरकार भी कहती है कि दिव्यांगजन सामान्य व्यक्तियों से ऊपर हैं और खेल राज्य मंत्री ने जो कहा है उसके मुताबिक मुख्यमंत्री जी एवं उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन करूंगा कि मेरी फ़ाइल को गंभीरता से लिया जाये जिसमें लगभग मेरे 7 वर्षों की दौड़भाग एवं मेरे खेलों का सम्पूर्ण विवरण है और मैं दिव्यांग एवं खेल दोनों प्रकार से इस रोजगार का हकदार हूँ । हम दिव्यांग खिलाड़ी भी पूरे तन मन के साथ अपने देश के लिए खेलते हैं वो भी कर्ज में डूबकर, हम मुख्यमंत्री महोदय जी से विनती करते हैं कि मेरे विषय को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्यवाही करते हुए सामान्य खिलाड़ियों के समान अधिकार देकर जीविकोपार्जन का साधन देकर इस पर पूर्ण विराम लगाएं ।