दुद्धी कस्बे में मिला कॅरोना संक्रमित मरीज, दो दिन में दो केस मिलने से दहशत
(कॅरोना जांच करते एलटी संजय कुमार)
मरीज ने स्वेच्छा से कराई थी जांच, अस्पताल आने वाले हर रोगी के जांच की उठी मांग
(कॅरोना मरीज मिलने के बाद हरनाकछार में पहुंची रैपिड एक्शन टीम)
बारूद के ढ़ेर पर बैठी दुद्धी आखिर सुरक्षित कहाँ तक
चार राज्यों से घिरे दुद्धी क्षेत्र के लोगों की दूसरे राज्यों में आना-जाना मजबूरी
दुद्धी, सोनभद्र। कोरोना की तीसरी लहर के दौर में दुद्धी क्षेत्र में लगातार दो दिन में दो मरीजों का कॅरोना संक्रमित मिलना लोगों को दहशत में ला दिया है। दो दिन में दो मरीज मिलने के साथ ही जनपद में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 4 हो गई है। गुरुवार को स्थानीय कस्बे के निवासी 48 वर्षीय विनय कुमार उपाध्याय पुत्र राजपति उपाध्याय कॅरोना संक्रमित पाए गए। इसके एक दिन पूर्व बुधवार को विंढमगंज क्षेत्र के हरनाकछार की एक महिला कॅरोना पॉजिटिव पाई गई थी। पेशे से ड्राइवर विनय कुमार उपाध्याय 2 दिन पूर्व बिहार राज्य गए थे। गुरुवार को वो अपनी पत्नी के साथ स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर स्वेच्छा से कॅरोना जांच कराई। एलटी सीताराम द्वारा एंटीजन विधि से जांच के उपरांत विनय को कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट दी गई। जबकि उसकी ओएटनी के8 रिपोर्ट नेगेटिव आई। प्रयोगशाला प्राविधिक सीताराम ने बताया कि गुरुवार को कुल 38 मरीजों की करोना जांच की गई, जिसमें एक मरीज पॉजिटिव निकला। एक दिन पूर्व 15 दिसंबर को ओपीडी के तहत आए कुल 177 मरीजों में 70 मरीजों की करोना जांच की गई। केंद्र अधीक्षक डॉ गिरधारी लाल ने बताया कि रैपिड एक्शन टीम मरीज को होम आइसोलेशन करा दिया गया है। कॉन्ट्रैक्ट प्रेसिंग की प्रक्रिया कराई जा रही है। आरटीपीसीआर के लिए सैंपल जिला मुख्यालय शाम को भेज दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अस्पताल में आने वाले हर मरीजों की अनिवार्य रूप से करोना जांच कराने के लिए सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बताना मुनासिब होगा कि इसके पूर्व चिकित्साधिकारी जिन मरीजों को ब्लड टेस्ट लिखते उन्ही का कॅरोना टेस्ट किया जाता था। गौरतलब हो कि दुद्धी कस्बे के लोगों की पड़ोसी राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व बिहार में रिश्तेदारी होने के कारण आना-जाना लगा रहता है, जबकि तहसील मुख्यालय होने के कारण समूचे क्षेत्र के लोग दुद्धी आकर अपना कार्य कराते हैं, इसलिए बारूद के ढेर पर बैठी दुद्धी कहां तक सुरक्षित है, कहा नही जा सकता।