किसानों को मिले अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य – आइपीएफ
धरना 36वें दिन भी रासपहरी में जारी
म्योरपुर, सोनभद्र (विकास अग्रहरि)। अरहर की दुद्धी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी होनी चाहिए ताकि किसानों की उनकी आमदनी बढ़े और वह बेहतर जीवन जी सके। यह मांग आज रासपहरी में आइपीएफ के छत्तीस दिन से जारी धरने से उठी। धरने में वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार किसानों की आमदनी दुगनी करने की बात करती है वहीं खाद, डीजल समेत लागत सामग्री के दामों में वृद्धि कर उसने किसानों के सामने आजीविका का संकट खड़ा कर दिया है। धान की सरकारी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं हुई परिणामतः किसानों को हजार, बारह सौ प्रति कुंतल की दर से बिचौलियों को धान बेचना पड़ा। न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने से दुद्धी से बड़े पैमाने पर छत्तीसगढ़ में जाकर धान बेचने के लिए किसान मजबूर हुए। इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में किसान अरहर पैदा करते है जिसका सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य छ हजार प्रति कुतंल है लेकिन किसानों को सरकारी खरीद के अभाव में तीन हजार रूपए कुतंल की दर पर अरहर बेचना पड़ता है। इसलिए किसानों, आदिवासियों की बेहतर आजीविका के लिए अरहर के सरकारी क्रय केन्द्र खुलने चाहिए, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी होनी चाहिए और सरकारी दाल मिल दुद्धी में खोलनी चाहिए।
धरने में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मनोहर गोंड़, बिरझन गोंड़, जगमोहन गोंड़, उदासियां देवी, बासमती देवी, धनेशरी देवी, भोलवा देवी, रामदेव बैगा, रमाशंकर बादी, संजय कुमार गोंड़, आदि लोग मौजूद रहे।