आदिवासियों को उनके अधिकारों से किया गया वंचित – आइपीएफ
आइपीएफ का धरना 32वें दिन भी रासपहरी में जारी, खोतोमहुआ में हुई सभा
म्योरपुर, सोनभद्र (विकास अग्रहरि)। सरकारें चाहे जिसकी रही हो आदिवासियों को उनके अधिकारों से वंचित किया गया। उनके अस्तित्व और अस्मिता दोनों पर हमला किया गया। संसद से पारित वनाधिकार कानून को किसी सरकार ने लागू नहीं किया। जबकि इस सम्बध में अखिलेश और भाजपा सरकारों में हाईकोर्ट ने आदेश दिया। किसी तरह संघर्ष के बदौलत दुद्धी और ओबरा की दो सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हुई उन्हें भी छीनने में लोग लगे हुए है। आज भी आदिवासी इलाज के अभाव में बेमौत मर जाते है। बभनी और म्योरपुर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था तक नहीं है। मनरेगा का हाल बेहाल है लोगों को काम नहीं मिल रहा और जिन्हें काम मिला उनकी मजदूरी बकाया है। सरकारी डीग्री कालेज और विद्यालयों के अभाव में बच्चों को बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। बभनी के पोखरा में सरकारी डीग्री कालेज पिछले छः साल से बन रहा है जिसे चालू नहीं किया जाए। इसलिए दुद्धी में जन राजनीति की जरूरत है जो आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें दिलाने का काम करे यह बातें आज खोतोमहुआ में हुई सभा में आइपीएफ नेताओं ने कहीं।
उधर रासपहरी में लखीमपुर किसान नरसंहार के जिम्मेदार गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने, वनाधिकार कानून के तहत पुश्तैनी जमीन पर अधिकार देने, मनरेगा में काम और समय पर मजदूरी, आदिवासी छात्राओं के लिए निःशुल्क आवासीय उच्च शिक्षा, शुद्ध पेयजल, आवागमन के साधन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे सवालों पर आइपीएफ का धरना बत्तीसवें दिन भी जारी रहा।
धरने व आम सभा में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, देव कुमार विश्वकर्मा, मनोहर गोंड़, भैयाराम गोंड़, राम चरित्तर गोंड़, अन्तराम गोंड़, हरी प्रसाद गोंड़, धर्मजीत गोंड़, सुचनी देवी, राजकुमारी गोंड़, रामकली गोंड़, बेचूं सिंह गोंड़, रामनाथ गोंड़, जगदीश गोंड़, श्री किशुन गोंड़ आदि लोग मौजूद रहे।
कृपा शंकर पनिका
जिला संयोजक
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, सोनभद्र