जनाब यह कोई गाय बैल की मंडी नहीं बल्कि राजमार्ग पर इनका आशियाना ही है
बीजपुर (विनोद गुप्त)उत्तरप्रदेश में योगी सरकार सत्ता में आई तो गायों की दशा सुधारने के लिए देश में गोवंश आश्रय खुलवा दिया गया ताकि छुट्टा आवारा पशुओं को वहां रखकर उनकी जिंदगी बचाई जा सके । यह योजना शुरुआती दौर में तो ठीक ठाक चली लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया यह योजना ध्वस्त हो गयी। शायद यही कारण है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान गायों को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा है कि गौरक्षा को किसी भी धर्म से जोड़ने की जरूरत नहीं है गाय को अब एक राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए।बताते चलें कि
यह तस्वीर सोनभद्र के एक छोटे से कस्बे बीजपुर की है आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह छुट्टा पशु राजमार्ग को ही आशियाना बना बैठे हैं इनका कोई सुधि लेने वाला नहीं है । लोगों का कहना है कि छुट्टा पशुओं की वजह से आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। अभी तक बाइक और पशुओं से टकराने पर दुर्घटना में दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं तो दो की मौत तक हो चुकी है। इस सम्बंध में पशु चिकित्साधिकारी बीजपुर हेमंत कुमार ने दस दिन पहले थोड़ा पहल जरूर किये लेकिन पुलिस और पशु पालकों के असहयोग के कारण वे भी शांत बैठ गए। एनटीपीसी स्वागत गेट से लेकर नकटू पेट्रोल पंप तक दर्जनों जगह सड़क पर छुट्टा पशुओं का झुंड राजमार्ग को इस कदर कब्जा कर बैठ जाते है कि जैसे यह कोई पशु मंडी हो इनके कब्जा से सड़क पर आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध हो जाता है। कभी कभी दो पशुओं के युद्ध मे फुटपात पर लगी दुकानें तथा उनकी चपेट में आए लोग बुरी तरह चोटिल हो जाते है दुकानें तहस नहस हो जाती है। इतना जरूर है जब दुर्घटना में पशुओं की मौत या घायल होने की जानकारी होती है तब पशु मालिक मुवावजा की मांग को लेकर जरूर सड़क पर निकल आते हैं बाकी समय लोगों के शिरदर्द के लिए इनको छोड़ दिया जाता है।