18 घण्टे बाद रिहंद जलाशय से निकली दूसरे युवक की लाश
बीजपुर(विनोद गुप्त):शुक्रवार शाम रिहंद जलाशय में डूबे 2 युवकों में दूसरे युवक 15 वर्षीय सिमटेश का शव 18 घण्टे बाद शनिवार को गोताखोरों और स्थानीय लोगों की मदद से जलाशय के बाहर निकाल लिया गया। बताते चलें कि शुक्रवार को मस्जिद में नमाज़ अदा करने के बाद बाजार के 8 युवक रिहंद जलाशय में नहाने गए थे। नहाते समय सिमटेश व वसीखान गहरे पानी मे चले गए और दोनो की डूबने से मौत हो गयी थी। पुलिस ने दोनो की लाश का पंचनामा उपरांत अग्रिम करवाई के जुट गई है।
रात भर चला रेस्क्यू
बीजपुर, रिहंद जलाशय में डूबे युवक की तलाश में रात भर पुलिस व सीआईएसएफ के जवान तथा स्थानीय युवकों के साथ पानी मे डटे रहे। रात में अंधेरा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही थी साथ ही पानी भी गन्दा था जिससे पानी मे कुछ दिखाई नही दे रहा था।रोशनी के लिए एनटीपीसी रिहंद प्रबंधन ने घटना स्थल पर बड़ा टावर लाइट की व्यवस्था तो की लेकिन वो पानी मे काम नही कर रही थी।रात में ही पुलिस ने स्थानीय मछुआरों को नाव और जाल सहित मौके पर बुला लिया था। मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी दुद्धी राम आशीष यादव ने चोपन से गोताखोरो की टीम भी बुला लिया था लेकिन टीम के पहुंचने से पहले ही स्थानीय युवक ने दिलेरी दिखाते हुए युवक का शव खोज निकाला।
रेस्क्यू टीम में रहे शामिल
बीजपुर , क्षेत्राधिकारी दुद्धी राम आशीष यादव के नेतृत्व में चलरहे रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रभारी निरीक्षक देवतानंद सिंह,उपनिरीक्षक बृजेश कुमार पांडेय, लल्लन यादव मय फोर्स सीआईएसएफ के ए सी फायर देवचंद,एसआई भुनेस,इन्सपेक्टर फायर अवधेश कुमार,मनीष कुमार,एसबी सिंह,डी के सिंह एनटीपीसी रिहंद के प्रबंधक अजीत सिंह व ग्राम प्रधानपति विश्राम सागर गुप्ता घटना स्थल पर डटे रहे।
दो परिवारों के चिराग बुझ गए घर और मुहल्ले में मातम
बीजपुर , शुक्रवार को रिहंद जलाशय में हुयी दुर्घटना में दो परिवारों के चिराग बुझ गए अपने बच्चों को खो देने के गम में दोनों के घर मातम पसरा रहा घरों में चूल्हे नही जले तो मुहल्ले में खामोशी ओढ़े रही। दोनो की माताओं का रो रो कर बुरा हाल है। शुक्रवार को पानी से निकाले गए वसीखान अपने 6 भाई बहनों में सबसे छोटा माँ का दुलारा था। वही सिमटेश अपने चार भाई बहनों में सबसे बड़ा था परिवार को उस पर नाज था बेटा बड़ा होकर परिवार का सहारा बनेगा लेकिन ऊपरवाले को कुछ और ही मंजूर था। असमय मौत के गाल में समा चुके सिमटेश कि माँ अनवरी बेगम समूह के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बना अपने पैरों पर खड़ा होने की सीख दें रही है।