सोनभद्र

पंचायत चुनाव में जनजाति के आरक्षण को लेकर पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड अपर मुख्य सचिव से मिलकर सौंपा ज्ञापन

पंचायत चुनाव में एसटी आरक्षण को लेकर अपर मुख्य सचिव को मांगपत्र देने जाते पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड, सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव और विधानसभा अध्यक्ष जुबेर आलम
पंचायत चुनाव में एसटी आरक्षण को लेकर निदेशक पंचायती राज को मांगपत्र देने जाते पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड, सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव, विधानसभा अध्यक्ष जुबेर आलम और निरेन्द्र सिंह गोंड

सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल निदेशक पंचायती राज विभाग लखनऊ से मिलकर उठाई एसटी आरक्षण की मांग

दुद्धी, सोनभद्र (मु.शमीम अंसारी/भीम जायसवाल)। आदिवासियों के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड ने अपर मुख्य सचिव व निदेशक पंचायती राज उत्तर प्रदेश लखनऊ को पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर एक पत्र सौंपा है जिसमें गलत आरक्षण को निरस्त करने तथा नियमानुसार सही आरक्षण लागू करने की मांग की गई है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश की आदिवासी जातियों में अनुसूचित जातियों की श्रेणी से 10 जातियों को जनजाति घोषित किया गया, किंतु आरक्षण की व्यवस्था नहीं की गई। इस कारण जनजातियां त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव आदि से कई पंचवर्षीय चुनाव नहीं लड़ सके। कई बार संबंधित सरकारों को आरक्षण देने हेतु अनुरोध किया गया किंतु आरक्षण से संबंधित कोई कार्यवाही नहीं की गई। अंततः 14 जनपदों के प्रतिनिधियों द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश पंचायत एवं नगरीय निकाय को नियमानुसार उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय चुनाव वर्ष 2015 में एसटी को जनसंख्या अनुपात के अनुसार सीट आरक्षित करने का आदेश दिया गया। पंचायतों में आरक्षण तो किया गया किंतु दोषपूर्ण आरक्षण किया गया। यह भी उल्लेख किया गया है कि जनपद सोनभद्र में पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा जनसंख्या जनजाति एसटी का है।जनगणना 2011 के अनुसार पूरे प्रदेश का लगभग 20% जनसंख्या जनपद सोनभद्र में है। इस हिसाब से लगभग 131 सीट प्रधानों के लिए आरक्षण होना चाहिए, किंतु जनपद में मात्र 28 सीट ही एसटी के लिए आरक्षित हुआ। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जिन जनपदों का नाम शासनादेश में नहीं है उन्हें भी सम्मिलित किया गया, और वहां का आरक्षित सीट रिक्त रहा। जैसे कि जनपद कुशीनगर का नाम शासनादेश में 14 जनपदों की सूची में नहीं है, जहां रिक्त रहा तथा वहां 5 वर्ष तक त्रिस्तरीय कमेटी बनाकर काम किया गया। जो अन्य जनपद एवं सोनभद्र के साथ आरक्षण में अन्याय का सूचक है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है की समस्त प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में से 14 जनपदों में अनुसूचित जनजाति सरकारी गजट में माना गया है।त्रिस्तरीय चुनाव वर्ष 2021 का प्रदेश में आरक्षण कार्य चल रहा है। जिसमें अनुसूचित जनजाति को शासनादेश के अनुसार घोषित 14 जनपदों को ध्यान में रखते हुए जनपद वार जनसंख्या अनुपात के क्रम में सीटों का आरक्षण करने हेतु संबंधित को आदेश निर्गत करने का आग्रह किया गया है, जिससे पिछले चुनाव जैसा दोषपूर्ण आरक्षण होने से जनपद सोनभद्र को बचाया जा सके। अंत में उल्लेख किया गया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में 14 जनपदों को जनसंख्या के आधार पर इस पंचायत चुनाव में सही-सही आरक्षण करके आदिवासी जनजातियों को न्याय देने की बात कही गई है। प्रतिनिधिमंडल में सपा विधान सभा दुद्धी के अध्यक्ष जुबेर आलम, निरेन्द्र सिंह गोंड आदि लोग शामिल थे।

Md.shamim Ansari

मु शमीम अंसारी कृषि स्नातकोत्तर (प्रसार शिक्षा/जर्नलिज्म) इलाहाबाद विश्वविद्यालय (उ.प्र.)

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