महाराजा बिजली पासी के जन्म उत्सव को गौरव दिवस के रुप मे 2100 दीपक जलाकर मनाया गया
सोनभद्र महाराजा बिजली पासी के जन्म उत्सव को गौरव दिवस के रुप में 2100 दीपक जलाकर मनाया गया। रामसरोवर तालाब पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता राजू पासी ने किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष धर्मवीर तिवारी ने कहां की महाराजा बिजली पासी जी का समाज में हिंदुत्व रूप में माना जाता है उनका योगदान पासी समाज को संगठित करके देश के लिए उपयोगी बनाना और राष्ट्र के लिए समर्पित लोगों का समाज स्थापित करना महत्वपूर्ण उद्देश्य रहा महाराजा बिजली पासी जिन्हें बिजनौर (अब लखनउ के पास एक छोटा शहर) की स्थापना का श्रेय दिया जाता है, एक प्रबुद्ध शासक थे जिन्होंने अपनी स्थिति को मजबूत किया और बिजनौर के क्षेत्र में भूमि के एक बड़े पथ पर अपना शासन स्थापित किया। । वह पृथ्वीराज चौहान के समकालीन थे। वह “पासिस” का एक सक्षम नेता थे, जो इलाके के स्वदेशी लोगों की एक भयंकर स्वतंत्रता थी। बिजली पासी के स्मरणोत्सव ने दलित के दावों को आवाज़ दी कि अतीत में दलित राजा थे और उनका उच्च जातियों की तरह ही शानदार इतिहास था। महाराजा की योद्धा छवि, दलित समुदायों (विशेष रूप से पासी जाति के लोगों) की दीवारों पर देखी गई थी। वह चाहते थे कि छवि में पांच सिख गुरुओं को शामिल किया जाए, जिन्हें आज भी दलित समुदायों द्वारा पूजा जाता है। उन गुरुओं की विशिष्ट विशेषता महाराजा की छवि में दिखाई देती है।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से वार्ड नंबर 10 के सभासद राजेश कुमार उर्फ राजू, रघुराज पासी,अनिल पासी, अजय पासी,रामप्रसाद वार्ड नंबर 5 की सभासद श्यामा देवी,पासी समाज महिला अध्यक्ष ज्ञान देवी सोना देवी,गुड़िया देवी,फूल कुमारी, कुमारी रेनू,सविता,नारायण सिंह,गोपाल सिंह, उमेश पासी,कैलाश पासी,रवि पांडे,फूलचंद पासी, आशुतोष रत्नाकर,दिनेश पासी,निखिल,प्रमोद,सूर्य प्रकाश, अंकित,राधेश्याम,अनिकेत त्यागी, प्रभाकर, लालू पासी इत्यादि लोग मौजूद थे।