विभिन्न मांगों को लेकर अधिवक्ता न्यायिक कार्य से रहे विरत
घोरावल/सोनभद्र (अनुराग कुमार) विभिन्न मांगों को लेकर अधिवक्ता न्यायिक कार्य से रहे विरत।स्थानीय तहसील अधिवक्ता समिति की एक आवश्यक बैठक समिति के अध्यक्ष जय सिंह एडवोकेट के अध्यक्षता में बार भवन में आयोजित की गई जिसमें तहसील परिसर में न्यायालय तहसीलदार,नायब तहसीलदार, रजिस्ट्रार कार्यालय,सर्वे न्यायालय के न्यायालयों व कार्यालयों में लाकडाउन के बाद से अब तक कोई भी कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है जिससे वादकारियों व अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।बताया गया कि तहसीलदार के न्यायालय व कार्यालय में नियमित रूप से समयानुसार कोई भी कार्य नहीं हो रहा है।फ़रवरी,मार्च व अप्रैल की सामान्य पत्रावलियों में अब तक आदेश नहीं हुआ।वर्तमान की पत्रावलियों में पेशकार मनमाने तरीके से पत्रावलियों की समयावधि न देखकर मनमाने तरीके से पत्रावलियों में आदेश कराया जा रहा है।कार्यालय के कार्य में भी यही स्थिति है लेट लतीफ वाला ही स्वरूप है यानी कार्य बहुत ही कम हो रहा है तथा जितना नामांतरण करते हैं उतना नया दस्तावेज जमा हो जाता है।इस तरह की कार्य प्रणाली से औसत बराबर हो जाता है।
नायब तहसीलदार घोरावल का कार्य पावर कई महीने से सीज है। पावर सीज होने से उनके न्यायालय व कार्यालय का कार्य पूर्ण रूप से बंद है।इस दशा में जब तक नायब तहसीलदार का पावर नहीं मिल जाता तब तक नायब तहसीलदार का समस्त कार्य तहसीलदार घोरावल सोनभद्र से कराये जाने की मांग की गई।
घोरावल सोनभद्र तहसील परिसर में रजिस्ट्रार कार्यालय में मालिकान समय से नहीं हो पा रहा है तथा अभिलेखागार में मुआवना भी नहीं हो पा रहा है जिससे वादकारियों को काफी दिक्कत उठानी पड़ रही है।सर्वे न्यायालय ओबरा में घोरावल तहसील की पत्रावलियों का भी निस्तारण लाक डाउन से अब तक नहीं हो पा रहा है सम्पूर्ण रूप से समस्त कार्य बंद है।
उपरोक्त समस्या के तहसील दिवस पर तहसील अधिवक्ता समिति घोरावल द्वारा जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया था पर उस पर अब तक कोई भी कार्यवाही नही हुइ।तहसील अधिवक्ता समिति घोरावल सोनभद्र उपरोक्त समस्या के समाधान हेतु उपजिलाधिकारी घोरावल सोनभद्र से उपरोक्त सभी समस्या का समाधान सुक्रवार से 21 सितंबर की सुबह तक करने की मांग की गयी तथा मांग पूरी नहीं होने की दशा में सोमवार को ११बजे से धरना पर बैठने की बात बैठक में कई गयी।सुक्रवार से तहसील परिसर के सभी न्यायालय में कार्य नहीं करने का सर्व सम्मति से निर्णय हुआ।इस अवसर पर आदिनाथ मिश्र,राम किंकर पाठक,सच्चिदानन्द चौबे, राजेंद्र पाठक,गोविन्द नारायण झा,राम अनुज धर द्विवेदी,गोपाल सिंह,प्रयाग दास,राजेश सिंह, मदन गोपाल सिंह,हरि प्रकाश वर्मा,अरविन्द सिंह,राम लाल राही सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।