कर्बला में ढाए गए जुल्म मातम का नाम है मुहर्रम – अयूब नायला
अनपरा/सोनभद्र इमाम हुसैन की कुर्बानी सच्चाई इंसानियत के इतिहास में अप्रतिम बलिदान के रूप में मनाया जाता है मुहर्रम।कर्बला में ढाए गए जुल्म मातम के नाम पर मुहर्रम का त्यौहार मनाया जाता है उक्त उद्गार हुसैनी कमेटी अनपरा के अयूब नायला ने व्यक्त किया ।रविवार को ऊर्जांचल के अनपरा बीना शक्तिनगर सिंगरौली में शांति सद्भाव के सादगी के साथ बीच बिना किसी तामझाम के मुहर्रम मातम का त्यौहार संपन्न हुआ हर जगह मुस्लिम बंधुओं ने समय के अनुकूल फातिहा कर मातम का त्यौहार संपन्न किया।अंजुमन हुसैनी कमेटी अनपरा द्वारा करोना महामारी और सरकार के गाइडलाइंस को सम्मान करते हुए ताजिया का जुलूस निकालने का सभी से कमेटी फैसला लिया था इमाम चौक पर सिर्फ हर जगह फातिहा नमाज संपन्न हुआ यह लंगर खानी किया गया।इस अवसर पर अंजुमन कमेटी अनपरा के शहरयार खान,सचिव अयूब खान नायला,सदर जुल्फिकार अली ने बताया इमाम का जिक्र और कर्बला में उठाए गए जुल्म की कहानी इंसानियत पर हुए अत्याचार की कहानी है।आखिरी मजलिस के खास मौके पर कमेटी के सदस्यों ने देश में खुशहाली और कोरोना मुक्ति की दुआएं की।उन्होंने कहा करोना की वजह से पूरा देश बुरे समय से गुजर रहा है इस मौके पर चौकी प्रभारी रेनुसागर मुहम्मद अरशद ने ताजियेदारो को समझा बुझाकर ताजिया जुलूस नहीं निकालने की गुजारिश किया।इमाम हुसैनी कमेटी के लोगों ने इस में बढ़ चढ़कर भाग लिया एवं शांतिपूर्ण तरीके से मुहर्रम संपन्न हुआ।