यूरिया खाद की किल्लत से किसानों में हाहाकार , आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन
लैंपस से इफको खाद की कालाबाजारी चरम पर
बीजपुर (विनोद गुप्त ) म्योरपुर ब्लाक के जरहा न्याय पंचायत में यूरिया खाद की किल्लत होने के कारण किसानों के समक्ष समस्या खड़ी हो गयी है। बखरीहवा स्थिति लैम्प्स पर सरकारी खाद की खुले आम कालाबाजारी से सेठ साहूकार की इस समय चाँदी कट रही है तो किसान खाद के लिए आंदोलन और प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। इलाके के चेतवामोड़ ,सेवकाडाड़ , बखरीहवा , डोडहर , सिरसोती , बंकामोड़ , चपकी , बीजपुर , नेमना में सेठ साहूकार किराना दुकानदार लैम्पश से सस्ते दर पर खाद खरीद कर पाँच सौ से छः सौ रुपये बोरी बेच कर खाद की मुनाफा खोरी में मस्त हैं। बताया जाता है कि सेठ साहूकार बगैर लाइसेंस के लैम्प्स से यूरिया खाद उठाकर अपने यहां भारी मात्रा में इफको खाद का भंडारण कर उसी खाद को गरीब किसानों को दोगुने रेट पर बेच रहे है । सूत्रों पर भरोसा करें तो इन किसानों को यही साहूकारों द्वारा मंहगे दर पर उधारी खाद बेच कर इतना कर्ज लाद दिया जाता हैं कि अंत मे किसान अपनी जमीन इन्ही सेठ साहूकारों के हाथों बेच कर कर्ज चुकाने को मजबूर हो जाते हैं। बताया जाता है कि किसानों की यह समस्या रबी और खरीफ के सीजन में बराबर उतपन्न होती है। हो हल्ला भी खूब होता है लेकिन किसानों की समस्या के समाधान में न जनप्रतिनिधि और नहीं अधिकारी रुचि लेते हैं। जिसके कारण इस आदिवासी क्षेत्र के किसान शोषण के शिकार हो रहे हैं। क्षेत्र के राहुल सिंह ,ब्रह्मजीत सिंह, राजकुमार सिंह, श्यामसुंदर जायसवाल,अनिल कुमार,रामनारायण, अम्बिका प्रसाद , मुन्नालाल , सन्तोष , बनवारी , बंगाली , सहित दर्जनों किसानों ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि क्षेत्र के सेठ साहूकारों सहित लैम्प्स पर आए खाद की बिक्री का सत्यापन और जाँच कर ऐसे साहूकारों पर सख्त कार्रवाई की जाए जिससे कालाबाजारी पर अंकुश लग सके। इसबाबत बखरीहवा लैम्प्स के कर्मचारी कृष्णदास से फोन पर सम्पर्क कर जानकारी चाही गयी तो वह फोन बंद कर गायब रहा जिससे उनका पक्ष नहीं मिल पाया।