रिहंद स्टेशन में “वसीयतनामा संबंधी” विषय पर आयोजित की ऑनलाइन कार्यशाला
बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्त) एनटीपीसी के रिहंद स्टेशन में वसीयतनामा संबंधी जानकारी देने के उद्देश्य से बुधवार को परियोजना के कर्मचारी विकास केंद्र द्वारा ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित, विधि अधिकारी (रिहंद) वासू प्रजापति उपस्थित अधिकारियों को वसीयतनामा के बावत जानकारी दी और बताया कि वसीयत (विल) उस व्यक्ति की अपनी संपत्ति के संबंध में एक कानूनी घोषणा है, जिसे वह अपनी मृत्यु के बाद प्रभावी होने की इच्छा रखता है।
यद्यपि एक वसीयत नामा का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है, लेकिन फिर भी कोई व्यक्ति दो गवाहों की मौजूदगी मे इसे रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत करवा सकता है । साथ – साथ यह भी बताया कि वसीयतनामा की वीडियो रिकॉर्डिंग एक पुख्ता सबूत है जिससे बाद में आने वाली समस्याओं एवं मुकदमेबाजी से बचा जा सकता है । नामांकित व्यक्ति के कानूनी पहलुओं पर भी जानकारी साझा करते हुये, उन्होने बताया कि संपत्ति के मालिक की मृत्यु के उपरांत नामांकित व्यक्ति केवल संपत्ति का दावा कर सकता है, जोकि केवल एक अस्थायी अवधि के लिए ट्रस्टी / संरक्षक के रूप में उत्तराधिकार अधिनियम के तहत केवल एक उत्तराधिकार होगा न कि संपत्ति का मालिक होता है । इस के उपरांत उन्होने बेटियों को समान अधिकार के बाबत जानकारी दी तथा मौजूदा सुप्रीम कोर्ट के इस विषय पर कुछ फैसलों पर भी प्रकाश डाला । हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अलावा श्री वासू ने भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम-1925 विशेष विवाह अधिनियम-1954 के साथ-साथ मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम-1937 के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी ।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी अपर महाप्रबंधक, महाप्रबंधक व अन्य कर्मचारी ने इस ज्ञानवर्धक तथा समयोपयोगी कार्यक्रम की सराहना की तथा कर्मचारियों के उत्साह को प्रसंशनीय बताया । कार्यक्रम का संचालन व संयोजन वरिष्ठ प्रबंधक (ईडीसी) रविन्द्र सिंह व धन्यवाद ज्ञापन संतोष विश्वकर्मा ने किया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से अपर महाप्रबंधकगण के एस मूर्ति, नन्द किशोर सिंह, जे पी पांडे व मुकेश कुमार के साथ-साथ लगभग 30 प्रतिभागी शामिल थे।