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प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का विकराल रूप, जन-धन की अपार हानि: अजय कुमार लल्लू

बाढ़ से किसानों की फसलें चौपट, मुआवजा दे सरकार: अजय कुमार लल्लूकई जिलों में बंधे टूटे, सरकार की लापरवाही चरम पर: अजय कुमार लल्लूलखनऊ/कुशीनगर। उत्तर प्रदेश में बाढ़ दर्जनों जिलों में कहर मचाई हुई है। किसानों के धान और गन्ने की खेती डूब गई है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मांग की है कि प्रदेश सरकार तत्काल प्रभाव से किसानों को मुआवजा दे ताकि इस विपदा में उनको थोड़ी राहत मिले।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने जारी बयान में कहा कि पिछले एक सप्ताह से वे बाढ़ पीड़ितों के बीच घूम रहे हैं। बहराइच से लेकर बलिया तक स्थिति बहुत भयानक है। जगह जगह तटबन्धों की दशा बहुत ही दयनीय हालत में है। उन्होंने कहा कि इससे साफ साफ सरकार की लापरवाही उजागर होती है। भिखारीपुर सकरौर तटबंध गोंडा के तरबगंज में टूट चुका है तो एल्गिन चरसड़ी बांध की हालत हर साल नाजुक हो जाती है। भिखारीपुर बांध इससे पहले 2018 में भी टूट चुका था जबकि इसी साल इसकी मरम्मत के लिए 70 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। प्रदेश में घाघरा, सरयू, राप्ती, कुआनो, शारदा जैसी कई नदियों ने तबाही मचा रखी है। लखीमपुर, अयोध्या सहित पूरे प्रदेश में कई लोगों की मौत बारिश, बाढ़ और उफनाई नदियों के चलते हो चुकी है।प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बाढ़ में अपार जन धन की हानि हुई है। सरकार को तत्काल प्रभाव से पीड़ित जनता की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, बाराबंकी, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया, मऊ, आज़मगढ़ समेत कई जिलों में गन्ना और धान की फसल डूब गई है। उन्होंने कहा कि कई जिलों में तेज बारिश से भी बहुत नुकसान हुआ है। वहाँ भी फसलें बर्बाद हो गईं हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान लगातार कई सालों से प्राकृतिक आपदा और किसान विरोधी सरकारी नीतियों के शिकार हो रहे हैं। उनके जेब में फूटी कौड़ी तक नहीं है। सरकार तत्काल प्रभाव बाढ़ को आपदा घोषित करे और जन-धन की हुई हानि का मुआवजा घोषित करे।

Md.shamim Ansari

मु शमीम अंसारी कृषि स्नातकोत्तर (प्रसार शिक्षा/जर्नलिज्म) इलाहाबाद विश्वविद्यालय (उ.प्र.)

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