एनटीपीसी भी अतिक्रमण से मुफ्त कराएगी अपनी भूमि
बीजपुर/सोनभद्र (विनोद गुप्त) रेणुकूट वन प्रभाग के वन क्षेत्र जरहा मे सड़क पटरियों एवं उसकी आसपास वन भूमि के चिन्हाकन प्रक्रिया में एनटीपीसी रिहंद नगर द्वारा भी अपनी भूमि को पहचान कराने के लिए विभागीय अधिकारियों को उतार दिया गया है l विगत 2 दिनों से वन विभाग के साथ एनटीपीसी के भू संबंधी अधिकारियों द्वारा भी नाप जोक चालू कर दिया गया है l गौरतलब हो कि सड़क पटरियों एवं उसकी आसपास की अधिकांश जमीनों पर अतिक्रमण के बाद मकान बन चुके हैं ऐसे मे वन विभाग के जीपीएस मैपिंग जांच में चौकाने वाले रिपोर्ट आ सकते है। जीपीएस जांच कर रहे वन विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि जांच के दौरान कब्जा धारियों द्वारा कब्जे की भूमि को कभी एनटीपीसी का बताया जा रहा है तो कभी सरकारी बंजर भूमि , कहीं-कहीं पर तो लोग पीडब्ल्यूडी की सड़क पटरी पर कब्जे की बात कह कर हटने को तैयार नहीं है l एनटीपीसी के द्वारा भी साथ-साथ जांच करने से सहयोग प्राप्त हो रहा है l सड़क पटरी पर सरकारी बंजर भूमि कितनी बची है यह तो तहसील विभाग वाले ही जांच कर बता सकते हैं l
मंगलवार को अतिक्रमण का फिर किया गया प्रयास…..
अतिक्रमण मामले में वन विभाग एक तरफ जहां 2 दिन से वन भूमि की पहचान करने के लिए जीपीएस मैपिंग की जा रही है और अतिक्रमणकारियों को चेताया जा रहा है, वही हौसला बंद अतिक्रमणकारियों ने मंगलवार को जंगल की भूमि पर मकान निर्माण हेतु पिलर खड़ा करने का प्रयास किया गया l मामले की सूचना मिलते ही वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा द्वारा वन कर्मियों को मौके पर भेज कर निर्माण कार्य ढहा दिया गया l वन कर्मियों बताया की वन अधिनियम के तहत पहले से ही केस चल रहे हैं ऐसे में अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध नया केस कैसे काटा जाये।
एनटीपीसी की भूमि पर भी हो चुका है कब्जा …..
अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध कब्जे के लिए वन भूमि को ही नहीं बल्कि एनटीपीसी की भूमि को भी अपना निशाना बनाया गया है l बताया जाता है कि बीजपुर ,डोडहर और सिरसोती आदि विस्थापित गांव में एनटीपीसी रिहंद की काफी जमीने लावारिस पड़ी हुई है ,जिसका अधिग्रहण मुआवजा एनटीपीसी ने दे दिया लेकिन आज तक उस पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराया गया।ऐसे में एनटीपीसी की जमीन पर भी घर मकान बनाने के लिए आए दिन विवाद होता रहता है l कुछ वर्षों पहले सिरसोती गांव में ऐसी ही जमीन पर कब्जे को लेकर एक युवक की हत्या हो गई थी l जमीन संबंधी विवाद के अधिकांश विवाद उक्त विस्थापित गांव से ही प्रतिवर्ष आते हैं ,लेकिन अपनी अपनी भूमि को सीमांकन कराकर विवाद को जड़ से समाप्त करने की पहल किसी के द्वारा भी नहीं किया गया l क्षेत्रीय संभ्रांत लोगों ने एनटीपीसी रिहंद नगर ,वन विभाग एवं तहसील विभाग तीनों की टीम गठित कर अपनी अपनी भूमियों का सीमांकन कराए जाने की मांग किया है जिससे जमीन संबंधी विवादों से हमेशा के लिए छुटकारा मिल सके।
क्या कहते हैं अधिकारी……..
इनसेट :- एनटीपीसी रिहंद नगर के अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन
के. एस. मूर्ति ने बताया कि एनटीपीसी कि जो भी खाली जमीनें हैं सभी को कब्जे से मुक्त कराए जाएंगे l कांट्रैक्टर कॉलोनी में सोलर प्लांट लगाया जाएगा l वही स्वागत गेट से लेकर बाजार तक रिहंद परियोजना की जो भी जमीन बची है उसे अपने कब्जे में लिया जायेगा।
इनसेट :- वन क्षेत्राधिकारी जहीर मिर्जा ने बताया कि जीपीएस मैपिंग चल रही है l संभावना है कि 10 दिन में जांच पूरी हो सकेगी उन्होंने कहा कि अतिक्रमण किसी भी हाल में नहीं होने दिया जायेगा।