सोनभद्र

वन दरोगा के तहरीर पर सात खननकर्ताओ माफियाओ पर मुकदमा दर्ज

8 फरवरी व चार जून को वन कर्मियों के साथ घट चुकी है घटना

दोनो प्रकरणो मे मुकदमा दर्ज होने पर अभियुक्तो की नही हो पायी है गिरफ्तारी की कारवाइ

गुरमा/सोनभद्र (ओम प्रकाश गुप्ता) शनिवार की रात सुरक्षित वन क्षेत्र में स्थित गुरमा रेंज के रेडिया सोन नदी में अवैध खनन व परिवहन की शिकायत मिलने पर जब वन विभाग के दरोगा मौके पर पहुंच कर अवैध खनन मे लिप्त टीपर को पकड़कर सीज करने की कारवाइ कर रहे थे तभी कार व मोटरसाइकिल से 7 खनन माफिया वन दरोगा जयप्रकाश वर्मा के कब्जे से पकडे गयें टीपर छुड़ाने का प्रयास करतें हुए हुए देशी कट्टा कनपटी पर सटाकर मारपिट करने लगे तभी गुरमा रेंजर बलवत सिंह की टीम को आता देख मौके से फरार हो गये रेंजर ने पकडी गयी बालू लदे वाहन को अपने कब्जे मे लेकर रेंज कार्यालय लाकर सीज करने के बाद वन दरोगा जयप्रकाश वर्मा के लिखित तहरीर पर चोपन थाने में रविवार की रात चोपन पुलिस ने सूरज पांडेय,आलोक उर्फ चंदन पांडेय,गुड्डू उर्फ शिवशंकर जायसवाल,संदीप दुबे,वृजेश पांडेय,मंगल चेरो,व नन्दू चेरो निवासीगण ग्राम पटवध थाना चोपन के विरूद्ध ipc की धारा-147,323,504,332,353,के तहत 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जाच शुरू कर दी है।बताते चले बिते 8 फरवरी को वन दारोगा जयप्रकाश वर्मा को सोन नदी से अवैध बालू लदे टीपर को पकड़ने के दौरान खनन् माफिया घेराबंदी कर धमकी देने का मामला प्रकाश में आया था। उस दौरान उनके लिखित तहरीर पर 15 बालू खनन माफियाओ पर मुकदमा दर्ज हुआ था।इसी क्रम मे कुछ माह बाद एक और घटनाएं घटती है वह चार जून को रात करीब डेढ़ बजे पटवध सिधवा वन क्षेत्र मे अवैध खनन में लिप्त एक टीपर को पकड़ा गया था।वन जीव रक्षक राम कैलास आर्य के कब्जे मे लेकर रेंज कार्यालय ले जा रहे थे कि सत्ता पक्ष के दो नेताओ समेत चार लोग बीच रास्ते मे घेरा बंदी कर वन कर्मियो से मारपिट व धक्का मुक्की करने लगे इतना ही नही मौके पर पहुंचे वन दारोगा जयप्रकाश वर्मा को जान से मारने की रणनीति तैयार करनें लगें पुलिस को मौके पर पहुंचने पर फरार हो गये। उसके बाद वन जीव रक्षक राम कैलास के तहरीर पर दो भाजपा नेताओ समेत चार पर मुकदमा कायम कराया गया था।किंतु आज तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नही हो पायी।जिससे आगे कोइ बडी घटना के आशंका से इनकार नही किया जा सकता है।गुरमा रेंजर बलवंत सिंह के मुताबिक अवैध खननकर्ता रात के अंधेर का फायदा उठाकर राजस्व के साथ ही पर्यावरण को भी क्षति पहुंचा रहे है।

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