रमजान मुबारक के मुकद्दस माह का दिखा चांद, रोजा शुरू
हर एक नेकी के बदले अल्लाह पाक फरमाता है 700 नेकियां-हाफिज मसऊद रज़ा
सब्र का महीना है रमजान और सब्र का बदला बदला जन्नत है
रमज़ान में अदा की जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज अकीदतमंद जामा मस्जिद की जगह घरों में कर रहे अदा
दुद्धी,सोनभद्र (मु.शमीम अंसारी/नौशाद अंसारी/भीम जायसवाल।
रमजान शरीफ का मुबारक महीना जुमा को चांद दिखने के साथ ही शुरू हो गया। मुल्क में लॉक डाउन होने के कारण स्थानीय जामा मस्जिद में आम तरावीह की नमाज तो नही शुरू हो सकी, लेकिन लोगों ने ओलमा-ए-कराम के फरमान पर अमल करते हुए अपने घरों में ही नमाज़ अदा किए। दारुल उलूम कादरिया नूरिया अरबी महाविद्यालय बघाडू के उप संस्थापक हाफिज मसऊद रज़ा ने कहा कि वक्त का यही तकाज़ा है कि सोशल डिस्टेसिंग मेंटेन रखने में ही हमसब की भलाई है। मर्जी-ए-इलाही मानते हुए कहा कि ताजदार ए मदीना सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का फरमान ए अलीशान है कि जब रमजान के महीने की पहली रात आती है तो जन्नत के रास्ते खोल दिए जाते हैं जो इस मुबारक माह की आखिरी रात तक खुले ही रहते हैं। इस माह की किसी भी रात में नमाज अदा करने वाले शख्स को हर नमाज के बदले 700 नेकियां अता फ़रमाया जाता है। खुदा पाक अपने ऐसे नेक बंदों के लिए जन्नत में सुर्ख याकूत का महल तैयार कराता है। जो आदमी रमज़ान का पहला रोजा रखता है उसके लिए रोजाना हजारों फरिश्ते उसकी मगफिरत के लिए दुआ मांगते हैं।
हाफ़िज़ मसऊद रज़ा ने यह भी फरमाया कि मोमिनो तुम्हारे पास एक अजमत वाला महीना आया है। जिसकी एक रात हजार रातों से अफजल है। इस महीने का रोजा अल्लाह ने हर मोमिन के ऊपर फर्ज किया है। इस रातों में तरावीह की नमाज अदा करने वालों को सुन्नते मुवक्केदा का मुकाम हासिल होता है। इस महीने में नेकी का कोई काम करने वाले को फर्ज अदा करने जितना सवाब मिलता है। फर्ज ईबादतों का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। यह सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नत है। यह गमख्वारी और भलाई का महीना है। इस महीने में मोमिन की रोजी में बरकत अता कर दी जाती है। जो शख्स इस महीने में अपने किसी भाई को इफ्तार कराएगा उसके गुनाह बख्श दिए जाएंगे। रोजा इफ्तार कराने वालों को वैसा ही सवाब मिलेगा जैसा रोजा रखने पर मिलता है।
अंत में हाफ़िज़ साहब ने दुआओं के लिए हाथ उठाकर अल्लाह पाक हर मोमिन को रमजान का है एहतराम करने, रोजा रखने, तरावीह की नमाज अदा करने, कुरान शरीफ की तिलावत करने, नफ्ली इबादत व सदका खैरात अदा करने की तौफीक नसीब फरमाने की दुआ मांगी।साथ ही अपने करम से हर मुसलमान की टूटी फूटी इबादतों को कबूल फरमाने की भी दुआ मांगी।