सिंगरौली

अद्वितीय विग्रह के कारण पड़ा मन्दिर का नाम श्री संकटमोचन

श्री संकट मोचन मन्दिर दुद्धी::आस्था का महान केन्द्र

आस्था का महान केन्द्र है दुद्धी तहसील मुख्यालय के चौक पर स्थित श्री संकटमोचन मन्दिर

सनातन धर्म,भारतीय संस्कृति,भक्ति भावना सहित अद्वितीय गौरव का प्रतीक है यह मंदिर

पूरे वर्ष होते रहते हैं अनुष्ठान व कार्यक्रम, मन्दिर की भव्यता व सुंदरता सबको करती है आकर्षित

दुद्धी-सोनभद्र।नगरपंचायत दुद्धी के मुख्य मार्ग चौक पर स्थित श्री संकटमोचन मन्दिर आस्था का महान केन्द्र है जो अपनी भव्यता,सुंदरता व वहाँ आयोजित होने वाले कार्यक्रम व अनुष्ठान के लिये जाना जाता है। कस्बे के साथ साथ आस पास के क्षेत्रों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मन्दिर व आस्था का प्रधान केन्द्र है। लोग श्री संकटमोचन मन्दिर में अपनी पूरी आस्था रखते हुए यहाँ होने वाले अनुष्ठानों में भी अपनी सहभागिता निभाते हैं।
आइये आपको बतातें हैं कि इस मंदिर का नाम श्री संकटमोचन कैसे पड़ा।
प्राचीन समय से अवस्थित इस मन्दिर का बहुत पुराना इतिहास रहा है। श्री संकटमोचन मन्दिर में आपको श्री हनुमानजी महराज के दो विग्रह का दर्शन प्राप्त होता है। पूर्व में इस मंदिर में केवल एक ही विग्रह(मूर्ति) थी।इस छोटी मूर्ति की स्थापना या प्राकट्य का कोई सटीक समय अभी तक प्राप्त नही हो सका है लेकिन जानकर बताते हैं कि यह मन्दिर व उसमे विराजमान श्री हनुमानजी बहुत ही प्राचीन हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस मन्दिर में विराजमान हनुमानजी का प्राचीन विग्रह/मूर्ति अपने आप मे अलौकिक व अद्वितीय है।
इस विग्रह में हनुमानजी अपने दोनो कन्धे पर प्रभु श्रीराम जी व श्री लक्ष्मण जी को विराजमान किये हैं।
इसी लिए इस मन्दिर को प्राचीन समय से ही श्री संकटमोचन कहा जाता है। इसके पीछे भी एक कथा प्रभु श्री राम के समय से आती है कि जब प्रभु श्रीराम जी का प्रथम भेंट हनुमानजी जी से होता है तो हनुमानजी जी ने ही प्रभु श्रीराम जी को महराज सुग्रीव के पास लेकर जाते हैं वो भी अपने दोनों कन्धे पर बैठा कर।
जब हनुमानजी ने प्रभु श्रीराम जी को उनके अनुज लक्ष्मण जी के साथ महराज सुग्रीव से मिलवाने के लिए अपने कंधे पर बैठा कर विशालकाय ऋष्यमूक पर्वत पर लाये तो प्रभु श्रीराम जी ने उन्हें इस अनुपम व अद्वितीय कार्य करने के लिये हनुमानजी को संकटमोचन की उपाधि से अलंकृत किया।
उसी समय से हनुमानजी का यह विग्रह श्री संकटमोचन के नाम से जग प्रसिद्ध है।
वैसे तो हनुमानजी जी का कई स्वरूप संकटमोचन ही है परंतु कंधे पर विराजमान श्री रामलला व लखनलाल का विग्रह तथा संजीवनी लाते समय का विग्रह विशेष महत्व रखता है।
चौक दुद्धी पर स्थित इस मन्दिर में विराजमान श्री हनुमानजी का संकटमोचन विग्रह जिसमें कंधे पर श्री रामलला अपने अनुज के साथ विराजमान हैं, ऐसा विग्रह आपको आस पास के क्षेत्रों में भी नही मिलेगा।वर्तमान में आपको इस विग्रह का दर्शन केवल मुखारविंद से होता है,हनुमानजी को सिन्दूर लेप की वजह से श्री रामलला व लखन लाल जी ढक गये हैं और हाँ जब भगवान का श्रृंगार होता है उस समय आप दर्शन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन रामलीला कमेटी के आग्रह पर मन्दिर के प्रधान पुजारी पण्डित कल्याण मिश्र जी ने श्रृंगार के समय का दर्शन बन्द कर दिया है, उस वक़्त केवल पुजारी जी ही अंदर रहते हैं।
पूर्व समय मे यह मन्दिर छोटे स्वरूप में था धीरे धीरे भक्तो के सहयोग से इस मन्दिर को भव्य बनाया गया।
जब मन्दिर का जीर्णोद्धार किया गया तब इस मंदिर में हनुमानजी का एक और विग्रह संजीवनी लाते समय का,स्थापित किया गया।
समय के साथ मन्दिर अपनी भव्यता व सुन्दरता को प्राप्त कर रहा है। मन्दिर के प्रथम तल पर विराजमान श्री राम दरबार, श्री शिवपरिवार व माँ दुर्गा का मंदिर अपनी अलौकिक छवि से सभी को अभिभूत कर रहा है।
रामलीला कमेटी के व्यवस्था व देख रेख में संचालित यह मन्दिर हर दिन अपनी एक अलग पहचान इस क्षेत्र में बना रहा है।
इस मन्दिर के प्रधान पुजारी कल्याण मिश्र ने बताया कि यह मन्दिर बहुत ही प्राचीन है, मेरे पिता स्वo दयाशंकर मिश्र,दादा इस मंदिर में सेवा करते रहें हैं।आज मन्दिर पूर्व की अपेक्षा अत्यधिक भव्य बन गया है। रामलीला कमेटी के देख रेख में संचालित इस मंदिर की अनुष्ठान व्यवस्था व पूजा प्रबंधन अच्छा है। रामलीला कमेटी पूरे वर्ष निर्धारित अनुष्ठान व कार्यक्रम पूरे मनोयोग से कराती रहती है।
रामलीला कमेटी के अध्यक्ष रविन्द्र जायसवाल व महामंत्री आलोक अग्रहरि तथा उनकी पूरी टीम मन्दिर की व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त करने में सदैव लगी रहती हैं।
मन्दिर के प्रधान पुजारी कल्याण मिश्र व उनके सुपुत्र ऋषभ मिश्र का कहना है कि जो भी भक्त इस मन्दिर में अपनी मनोकामना हनुमानजी से सच्चे मन से व्यक्त करता है उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।
अब आप चाहें जो कहे या माने लेकिन एक बात तो तय है कि यह मन्दिर आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र है और अपने आप मे एक विशेष स्थान रखता है।

Md.shamim Ansari

मु शमीम अंसारी कृषि स्नातकोत्तर (प्रसार शिक्षा/जर्नलिज्म) इलाहाबाद विश्वविद्यालय (उ.प्र.)

Related Articles

Back to top button
BREAKING NEWS
जिलाधिकारी और डीपीआरओ के मार्गदर्शन से मिला मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार राशन कार्ड,वृद्धा,विधवा पेंशन,परिवारिक लाभ योजना, ई-श्रम की बड़ी समस्या निदान के लिए पंहुचा डीएम दरबा... पन्नूगंज पुलिस द्वारा गोवध निवारण अधिनियम से सम्बन्धित प्रकरण में वांछित दो अभियुक्त को किया गिरफ्ता... मनोज ठाकुर ने जमीन विवाद व शांति भंग करने वाले 5 लोगों पर की कार्रवाई आखिर जिंदगी का जंग हार गए राजीव त्रिपाठी कैंसर से पीड़ित टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल वाराणसी में हुआ निधन डिप्टी सीएम/स्वास्थ्य मंत्री को बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आइपीएफ ने किया ट्वीट कोंगा पुलिया के नीचे मिली तीन की शव पुलिस जाच मे जुटी सोन गौरव से सम्मानित किए गए (पत्रकार) ओमप्रकाश गुप्ता सोन गौरव से सम्मानित किए गए (पत्रकार) प्रमोद गुप्ता पत्रकारों ने पत्रकारिता को बताया सच्ची देश सेवा सड़क दुर्घटना में दंपत्ति सहित अबोध बालक की मौत
Download App